पेंशन के लिए आंदोलन करेंगे बेसिक शिक्षक, दस वर्षों से ज्यादा समय से पेंशन के नाम पर विभाग साधे हुए है चुप्पी
इलाहाबाद : दस वर्ष से अधिक वक्त बीतने के बाद भी विशिष्ट बीटीसी के तहत परिषदीय स्कूलों में तैनात प्रदेश भर के 46 हजार शिक्षक नवीन पेंशन योजना से वंचित हैं। विभागीय अधिकारियों की लापरवाही से उनके पेंशन की कटौती शुरू नहीं की गई है। आए दिन शिक्षक संगठन विरोध प्रदर्शन करते रहते हैं। बावजूद, जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
फरवरी 2004 में प्रदेश में 46 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती हुई थी। जिन्हें छह माह टेनिंग भी दी गई थी। लेकिन प्रक्रिया धीमी होने से टेनिंग नौ माह तक खींच गई। इसके बाद प्रशिक्षु शिक्षकों को प्राइमरी स्कूलों में तैनाती दी गई। सरकार ने एक अप्रैल 2005 से पेंशन नीति में संशोधन कर नई पेंशन योजना लागू की जिसके तहत गाइड लाइन जारी की गई कि पेंशन अंशदान में दस प्रतिशत सरकार देगी और दस प्रतिशत शिक्षकों के वेतन से कटौती होगी।
दस वर्ष बीतने के बाद भी पेंशन कटौती नहीं शुरू हो सकी। मार्च 2008 में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखा था कि शिक्षक व कर्मचारियों को नवीन पेंशन योजना का लाभ दिया जाए लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ.अचल सिंह ने बताया कि आठ अक्तूबर 2015 को एसोसिशन द्वारा दाखिल वाद की सुनवाई कर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव शासन, बेसिक शिक्षा निदेशक और बेसिक शिक्षा परिषद सचिव को निर्देश दिए थे कि 2004 के चयनित शिक्षकों की पेंशन कटौती शुरू कर दें। लेकिन पेंशन कटौती नहीं शुरू की गई।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमित तिवारी ने बताया कि राज्य एवं केंद्र सरकार के विरोध में जल्द ही दिल्ली में वृहद आंदोलन की रूपरेखा तय की गई है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बताया कि इस संबंध में मुङो कोई जानकारी नहीं है।
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