परिषदीय शिक्षकों का वेतन फंसा, ग्रांट जारी न होने से भुगतान रुका, नए शिक्षकों को सबसे अधिक परेशान, ऐडेड स्कूलों की ग्रांट जारी
इलाहाबाद : नए वित्तीय वर्ष में शिक्षकों का वेतन भुगतान फंस गया है। समय पर ग्रांट न जारी होने से भुगतान की प्रक्रिया लंबित है। इससे वह शिक्षक खासे परेशान हैं, जिन्हें कुछ माह पूर्व मौलिक नियुक्ति मिली है। पहले वह अपने अभिलेखों का सत्यापन करा रहे थे और अब ग्रांट के फेर में वेतन रुका है। इसी सप्ताह वित्त नियंत्रक के यहां से ग्रांट जारी होने के आसार हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों के करीब पांच लाख शिक्षकों को अप्रैल माह का वेतन अभी नहीं मिल सका है। इसकी वजह नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के कारण तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में लगातार देरी हुई। शिक्षा विभाग में इधर के वर्षो में वेतन भुगतान समय पर हो इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वेतन बिल एवं अन्य कार्य की समयसारिणी तय है। सेवानिवृत्त शिक्षकों को तो हर महीने एक से तीन तारीख के बीच ही भुगतान मिल जाता है, वहीं कार्यरत शिक्षकों को भी पहले सप्ताह में भुगतान दिए जाने के निर्देश हैं, लेकिन मार्च में वित्तीय वर्ष पूरा होने और फिर अप्रैल में नया वित्तीय वर्ष शुरू हुआ तो वित्त नियंत्रक के यहां से ग्रांट जारी नहीं हो सकी।
इस देरी में सबसे अधिक परेशानी नए शिक्षकों को हैं, उन्हें करीब छह महीने से वेतन का इंतजार है। दरअसल मौलिक नियुक्ति के साथ ही उनके अभिलेखों का सत्यापन होने में काफी समय लगा है और अब भी सभी का सत्यापन पूरा नहीं हो सका है। बेसिक शिक्षा का वित्त विभाग औपचारिक रूप से कुछ कहने से परहेज कर रहा है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि इसी सप्ताह ग्रांट जारी होगी।
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए ग्रांट जारी हो चुकी है। शिक्षा निदेशक शिक्षा अर्थ बेसिक अनुभाग की ओर से वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को छह अरब छियालिस करोड़ की धनराशि जारी की गई है। इसमें अगले छह माह तक वेतन भुगतान किया जाना है। जल्द ही लेखाधिकारी इसका जिलों में आवंटन करेंगे, ताकि वेतन भुगतान हो सके।
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