पढ़ाई पर तबादलों का ग्रहण : शैक्षिक सत्र के दौरान विद्यालयों पर पड़ रहा असर, बीईओ नहीं ले रहे कार्यभार, शिक्षक मनचाही तैनाती पाने को रहे दौड़
इलाहाबाद : आखिरकार वही हो रहा है, जिसका अंदेशा था। शैक्षिक सत्र के दौरान तबादले होने से विद्यालयों की पढ़ाई पर मानों ग्रहण लग गया है। शिक्षक जिले के अंदर से लेकर गैर जिले में तबादला पाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। वहीं विद्यालयों की शिक्षण व्यवस्था पर निगाह रखने वाले खंड शिक्षा अधिकारी खुद स्थानांतरण की जद में आने से तैनाती वाले स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी इधर शिक्षकों की नियुक्तियों में व्यस्त थे, अब तबादला प्रक्रिया में उन्हें जूझना होगा।स्कूलों में आने वाले बच्चे भगवान भरोसे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया पुराने र्ढे पर चल रही है। पहले भी शैक्षिक सत्र के दौरान ही स्थानांतरण होते थे, वैसे अब भी किया जा रहा है। इधर अप्रैल माह से नया शैक्षिक सत्र शुरू हुआ है और बीच में गर्मी की छुट्टियों में स्थानांतरण करने का बेहतर मौका रहा है, लेकिन अफसरों ने मुहूर्त तय करने में ही लंबा वक्त बिता दिया। इस बार पहले एक मंडल में दस साल से जमे खंड शिक्षा अधिकारी एवं लिपिकों के तबादले हुए। यह स्थानांतरण पूरा होने के पहले ही शिक्षकों के अंतर जिला तबादले का आदेश हो गया। ऐसे में परिषद का पूरा महकमा तबादला प्रक्रिया में ही व्यस्त है।
दरअसल खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का तबादला शासन की नीति के मुताबिक तय समयावधि में हुआ है, जो बीईओ एक ही मंडल में पिछले दस वर्षो से कार्यरत थे, उन्हें दूसरे मंडल में भेजा गया है। प्रदेश भर के करीब 98 बीईओ को स्थानांतरित किया गया है। साथ ही सभी को तैनाती वाले जिलों से रिलीव भी कर दिया गया है, लेकिन वह तबादला रुकवाने के लिए हाथ-पांव चला रहे हैं और नई तैनाती वाले विकासखंडों में कार्यभार ग्रहण नहीं कर रहे हैं। इससे व्यवस्थागत दिक्कतें खड़ी हो गई हैं। हर बीईओ को एक प्राथमिक एवं एक उच्च प्राथमिक विद्यालय गोद लेना है वह कार्य भी पूरा नहीं हो सका है। स्कूल चलो अभियान एवं कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर परिषदीय शिक्षकों के तबादले के लिए अलग से नीति जारी होती है, फिर भी यह कार्य छुट्टियों या फिर सत्र शुरू होने से पहले करने के बजाए बीच सत्र में किया जा रहा है। अधिकांश शिक्षक तबादला के कार्य में जुटे हैं स्कूलों में एक शिक्षक या फिर शिक्षामित्र केवल बच्चों को दिन भर बैठाए रखने के बाद घर भेज दे रहे हैं। किताबें, यूनीफार्म न होने से पहले ही पढ़ाई का बेड़ागर्क था अब तबादलों ने रही-सही कसर पूरी कर दी है। माना जा रहा है जुलाई भर ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी।
No comments:
Post a Comment