पैतृक घर नहीं फिर भी चाहते हैं तबादला, अंतर जिला स्थानांतरण के लिए तरह-तरह के आवेदन मिले, पहले ऐसे आवेदन खारिज करने की थी तैयारी, लेकिन अब उन पर हो रहा मंथन
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों का अंतर जिला तबादला प्रक्रिया चल रही है। उसके लिए तरह-तरह के आवेदन हुए हैं। उसी का नतीजा है कि करीब ढाई हजार से अधिक आवेदन सूची जारी करने से पहले ही स्वत: निरस्त हो गए हैं, क्योंकि शिक्षकों ने अपने ही अभिलेखों में हेराफेरी की थी, सो वह काउंसिलिंग कराने की हिम्मत नहीं जुटा सके। कुछ शिक्षकों की नियुक्ति का अभी तीन साल पूरा नहीं हुआ है, लेकिन तबादले के लिए आवेदन कर दिया था।
अफसरों का कहना है कि शिक्षक यह सोच रहे थे कि विभाग गहन छानबीन नहीं कराएगा और तबादला आदेश हो जाएगा, लेकिन काउंसिलिंग के दांव से सब उजागर हो गया। अंतर जिला तबादले के लिए अमूमन उन्हीं शिक्षकों को आवेदन करना था, जो अपने पैतृक घर वापस लौटना चाहते हैं या फिर उस जिले में उनकी पत्नी तैनात हो। इसमें विकलांग, सैनिक एवं अन्य को वरीयता दी जानी है, लेकिन ऐसे भी अनेक शिक्षकों ने आवेदन किया है, जिनका पैतृक घर, पत्नी आदि दूसरे जिले में नहीं है। इसको लेकर परिषद के अफसर हतप्रभ हैं। वह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है। पहले ऐसे आवेदन खारिज करने की तैयारी थी, लेकिन अब उन पर मंथन हो रहा है।
वहीं शिक्षकों का तर्क है कि पैतृक जिले में जाने से उनकी वरिष्ठता जा रही थी, ऐसे में पड़ोस के जिलों को वरीयता दी है, ताकि वहां जाकर उनकी वरिष्ठता इसलिए नहीं जाएगी, क्योंकि वहां अभी प्रमोशन होना बाकी है।
No comments:
Post a Comment