शिक्षक बनने व बने रहने की निर्णायक जंग : सहायक अध्यापक बने शिक्षामित्र व 12091 शिक्षक भर्ती की सुनवाई कल, अवशेष शिक्षामित्रों के समायोजन का प्रकरण भी सुनेगा सुप्रीम कोर्ट
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने एवं बने रहने के संबंध में अंतिम निर्णय की घड़ी आ गई है। सुप्रीम कोर्ट प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में लंबित कई प्रकरणों को एक साथ सुनने जा रहा है। वहीं जिन शिक्षामित्रों का समायोजन नहीं हो पाया है उनके संबंध में भी शीर्ष न्यायालय से ही रास्ता मिलने की उम्मीद है, क्योंकि इसी महीने हुई सुनवाई में उसे भी अन्य शिक्षामित्रों के प्रकरण के साथ जोड़ दिया गया है।
प्राथमिक स्कूलों में शिक्षामित्र वर्षो से कार्यरत हैं। एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों में से एक लाख 37 हजार का समायोजन सहायक अध्यापक के पद पर दो चरणों में हो चुका है। इस समायोजन को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद कर दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे कर दिया है, लेकिन अभी अंतिम निर्णय आना शेष है। इसी बीच द्वितीय चरण के 14 हजार एवं तृतीय चरण के 12 हजार शिक्षामित्र भी दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इनके समायोजन का प्रयास चल रहा है। हालांकि समायोजन के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन शीर्ष कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई जारी होने से न्याय विभाग ने अनुमति नहीं दी थी। ऐसे में अवशेष शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
शासन को निर्देश जारी करने के लिए एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की ओर से डाली गई। जिस पर बीते 11 जुलाई को सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई भी शिक्षामित्रों के अन्य प्रकरणों के साथ जोड़ते हुए 27 जुलाई की तारीख निर्धारित कर दी। अब शिक्षामित्र शिक्षक बने रहने के लिए प्रयासरत हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद ने 72825 शिक्षकों की भर्ती के तहत दिसंबर 2015 में शेष पदों को भरने का सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था। इसके लिए जिलों की मेरिट से अधिक अंक वाले अभ्यर्थियों से पहले आवेदन लिए गए फिर 12091 पदों को भरने के लिए अलग से काउंसिलिंग भी कराई गई। अभ्यर्थियों का आरोप है कि काउंसिलिंग में कटऑफ इतना अधिक रहा कि कुछ सौ अभ्यर्थियों को छोड़कर किसी की नियुक्ति नहीं हो सकी। युवाओं ने शीर्ष कोर्ट में यह गुहार लगाई है कि जिन अभ्यर्थियों को भर्ती के योग्य पाया गया था उनकी अलग से काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति दी जाए। इसकी भी सुनवाई शिक्षामित्रों के साथ ही होगी।
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