अधर में फंसे विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थी, नियुक्ति पाने के लिए अभ्यर्थी फिर कोर्ट की शरण में, 27 फरवरी को सुनवाई
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बीटीसी प्रशिक्षुओं को नियमित अंतराल पर मौके मिल रहे हैं लेकिन विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों का एक वर्ग वर्षो से दरकिनार है। पहले नियमावली की आड़ में उन्हें रोका गया। अब उनकी डिग्री का मुद्दा भी सुलझ चुका है। इसके बावजूद नियुक्ति पाने के लिए अभ्यर्थी एड़ियां रगड़ रहे हैं। ऐसे में वह फिर कोर्ट की शरण में हैं ताकि वहां के निर्देश पर नियुक्ति मिल सके।
परिषदीय विद्यालयों में पिछले वर्षो में शिक्षकों को नियुक्ति देने के लिए विशिष्ट बीटीसी का विशेष कार्यक्रम चलाया गया। इसमें करीब एक लाख विशिष्ट बीटीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो चुकी है और लगभग 30 हजार अभ्यर्थी अब भी नौकरी पाने की लाइन में हैं। अवशेष अभ्यर्थियों में से अधिकांश ने दूसरे प्रांतों से यह प्रशिक्षण प्राप्त किया था। इससे उन्हें मौका नहीं मिला। साथ ही उनकी डिग्रियों को लेकर विवाद था। इसीलिए वर्ष 2004, 2007 एवं 2008 सत्र के अभ्यर्थी करीब पांच साल से तैनाती पाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं। डिग्री विवाद का निपटारा शीर्ष कोर्ट से हो चुका है लेकिन उसके बाद भी नियुक्ति नहीं हो पा रही है। थक-हार कर बचे अभ्यर्थियों ने फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसकी आगामी 27 फरवरी को सुनवाई होनी है।
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