बीटीसी कालेज अपने यहां सुधार करने को तैयार नहीं, एससीईआरटी और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव के आदेशों को किया दरकिनार
इलाहाबाद : प्राथमिक स्कूलों के लिए शिक्षक तैयार करने वाले बेसिक टीचर्स ट्रेनिंग संस्थान यानी बीटीसी कालेज अपने यहां सुधार करने को तैयार ही नहीं है। यही वजह है कि कालेजों की ग्रेडिंग हो या फिर प्रवक्ताओं को आधार कार्ड से जोड़े जाने की योजना धरातल पर उतर नहीं सकी है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद उप्र एससीईआरटी और परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव लगातार पत्र भेज रहे हैं। उस पर अमल करना दूर सूचनाएं देने तक में आनाकानी हो रही है।
प्रदेश में बीटीसी के निजी कालेजों की भरमार है, इसके बाद भी लगातार कालेज खुलते जा रहे हैं। वहां पठन-पाठन का स्तर भी गिर रहा है। तमाम हिदायतों के बाद भी सुधार न होने पर पहले पाठ्यक्रम में बदलाव हुआ।
ऐसा पाठ्यक्रम बनाया गया कि प्रशिक्षुओं को पढ़ना और शिक्षकों को पढ़ाना ही होगा। इसके बाद भी शैक्षिक गुणवत्ता नहीं सुधरी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि इस संबंध में सभी जिलों को कड़ा पत्र भेजा गया है। यदि संस्थान इसमें देरी करेंगे तो उन पर कार्रवाई के लिए निदेशक को रिपोर्ट भेजेंगे।
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