बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को नहीं मिल सका सातवें वेतन के अनुरुप वेतन, अफसरों की लापरवाही ने फेरा पानी
इलाहाबाद : प्रदेश सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने में जो तत्परता दिखाई, उस पर अफसरों ने पानी फेर दिया है। बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को जनवरी का वेतन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप नहीं मिल सका है। बढ़े वेतन के लिए साफ्टवेयर तैयार करने में विलंब हुआ और इस समय डाटा फीडिंग का कार्य चल रहा है। इससे शिक्षक व अन्य कर्मचारियों में नाराजगी है।
विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर प्रदेश सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए कमेटी गठित की और तय समय में ही रिपोर्ट तलब की। सरकार ने नए वेतन आयोग के अनुरूप भुगतान के लिए कमेटी की रिपोर्ट पर मुहर लगाते समय निर्देश दिया था कि इसका लाभ जनवरी 2017 से दिया जाएगा। सभी विभागों को इस पर अमल करने को कहा गया था।
इसके बाद भी बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों एवं शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के अनुरूप बढ़ा वेतन नहीं मिल सका है। इससे लाखों शिक्षकों को पुराने वेतन से ही संतोष करना पड़ा है। 1यही नहीं बढ़ा वेतन मार्च माह के भुगतान में मिल सकेगा या नहीं यह भी स्पष्ट नहीं है, क्योंकि अभी तक साफ्टवेयर में फीडिंग का कार्य चल रहा है। उप्र दूरस्थ बीटीसी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वित्त विभाग के अफसरों के रवैये के कारण यह हुआ है। शासन ऐसे लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई करे।
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