बच्चे कैसे पढ़ेंगे गणित और विज्ञान? नियुक्ति से तबादलों तक में विज्ञान वर्ग का नहीं रखा जा रहा है ध्यान, आरटीई एक्ट में हर जूनियर स्कूल में एक गणित, विज्ञान शिक्षक की तैनाती अनिवार्य
नोट : वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिये गए निर्देशों के तहत हर जूनियर विद्यालय में एक विज्ञान / गणित को अध्यापक को बनाये रखने के ताजा निर्देश वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिये गए हैं।
राज्य मुख्यालय : एक तरफ विज्ञान और गणित पर जोर.. हर जूनियर स्कूल में विज्ञान / गणित के एक शिक्षक की तैनाती की अनिवार्यता.. दूसरी तरफ नियुक्ति से लेकर तबादले तक में विज्ञान व गणित गायब..। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत सरकारी जूनियर स्कूल में विज्ञान व गणित के एक शिक्षक की तैनाती अनिवार्य है।यदि यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में गणित व विज्ञान के शिक्षकों का अनुपात गड़बड़ा जाएगा। बीते कई वर्षों से हो रहे तबादलों में विज्ञान / गणित के शिक्षकों का कोई जिक्र नहीं किया गया है। वहीं प्राइमरी स्कूलों में तैनाती के लिए अनिवार्य योग्यता पहले बीटीसी और अब डीएड में भी कला व विज्ञान वर्ग खत्म कर दिया है।
वर्ष 2012 से पहले नियुक्तियों की 50-50 फीसदी रिक्तियां विज्ञान व कला वर्ग की होती थीं और यही नियम बीटीसी में भी था। हालांकि वर्ष 2013 में 29 हजार गणित व विज्ञान के शिक्षक भर्ती किए गए हैं लेकिन समायोजन के ताजा आदेश में सबसे कनिष्ठ शिक्षक को सरप्लस मानने के आदेश हैं लेकिन यदि केवल सबसे कनिष्ठ शिक्षक ही विज्ञान व गणित का शिक्षक होगा तो आरटीई के मानक कैसे पूरे होंगे। वहीं जिले के अंदर या बाहर के समायोजन में भी विज्ञान व गणित के शिक्षक के लिए कोई अलग से निर्देश नहीं हैं।
हर साल हो रहे सर्वेक्षणों में सरकारी स्कूलों के बच्चों की गणित व विज्ञान कमजोर होने संबंधी परिणाम आ रहे थे। इसी के चलते आरटीई एक्ट में हर जूनियर स्कूल में एक गणित, विज्ञान शिक्षक की तैनाती अनिवार्य कर दी गई है। गणित, विज्ञान मजबूत करने को लेकर सरकार पूरे वर्ष शिक्षक प्रशिक्षण पर काफी पैसा भी खर्च करती है लेकिन तबादले में इसका ध्यान नहीं रखा जाता।
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