गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति चाहने की प्राथमिक शिक्षकों की याचिका याचियों के सुनवाई में न पहुंचने से हाइकोर्ट ने की निस्तारित, कहा- दिक्कत हो तो फिर करें अपील
गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति चाहते हैं प्राथमिक शिक्षक, याचियों के सुनवाई में न पहुंचने से हाइकोर्ट ने निस्तारित की याचिका, कहा- दिक्कत हो तो फिर करें अपील।
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य कराने का मामला हाईकोर्ट के समक्ष उठा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ गाजियाबाद ने याचिका दायर करके कहा है कि शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्यो से निजात पाना चाहते हैं। कहा गया है कि जनगणना, पल्स पोलियो, राशन कार्ड सत्यापन जैसे कार्यो में शिक्षकों को न लगाया जाए। 2012 में याचिका दाखिल कर चुनाव ड्यूटी व बीएलओ ड्यूटी से भी छूट की मांग की गई थी।
12 दिसंबर, 2012 को याचिका पर सुनवाई के दौरान संघ की ओर से कहा गया था कि चुनाव ड्यूटी आवश्यक कार्य है और इसे किसी न किसी को इसे करना ही है। लिहाजा संघ से कोर्ट ने अपनी इस प्रार्थना को वापस लेने को कहा था, तब संघ ने कहा था कि वह चुनाव ड्यूटी करने को तैयार हैं। कोर्ट ने याचीगण की इस प्रार्थना पर चुनाव आयोग का नाम पक्षकारों की सूची हटा दिया था और अन्य मांगों पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था।
सुनवाई में याची उपस्थित नहीं हुआ : मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोंसले और न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की पीठ में इस सप्ताह हुई सुनवाई के दौरान याचीगण की आरे से कोई उपस्थित नहीं हुआ। सरकारी वकील को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका यह कहते हुए निस्तारित कर दी है कि यदि याचीगण को लगता है कि जनगणना और राशन कार्ड सत्यापन जैसे कार्यो में अभी भी उनको राहत की आवश्यकता है तो वह नए सिरे से याचिका दाखिल कर सकते हैं।
■ 2012 में दाखिल याचिका याचीगण के न आने से हाईकोर्ट ने की निस्तारित
■ सत्यापन जैसे कार्यो से निजात पाने को नई याचिका दाखिल कर सकते हैं याचीगण
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