आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की बजाय बढ़ रही समय सीमा, अधिकतर जिलों ने तय समय में नहीं भेजी रिपोर्ट
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति पा चुके 4570 कथित शिक्षकों पर कड़ी नहीं हो पा रही है, बल्कि उन पर विभागीय कार्रवाई करने के लिए लगातार समय सीमा बढ़ाई जा रही है। पिछले दिनों में जिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने रिपोर्ट परिषद मुख्यालय भेजी उनमें अधिकांश अधूरी हैं। ऐसे में अब 27 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी गई है।
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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक भर्ती में फर्जी अभिलेखों के जरिये 4570 शिक्षक नियुक्ति हो चुके हैं। यह खेल करने वाले अभ्यर्थियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से 2004-05 सत्र से बीएड किया है। इसका राजफाश एसटीएफ ने किया है। परिषद ने इन शिक्षकों पर नियमानुसार विधिक व विभागीय कार्रवाई करने के लिए बीते 12 अक्टूबर को सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजा। इसके साथ एक सीडी भी उपलब्ध कराई गई, ताकि फर्जी शिक्षकों को चिह्न्ति करने में आसानी रहे।
परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बीते 28 अक्टूबर को बीएसए को दूसरा पत्र जारी करके निर्देश दिया कि विधिक व विभागीय कार्रवाई से 10 नवंबर तक परिषद को भी अवगत कराया जाए।परिषद कार्यालय के अनुसार, इस दौरान सिर्फ फीरोजाबाद, हमीरपुर, औरैया, बलरामपुर, बस्ती, बदायूं, चंदौली, कन्नौज, जौनपुर व मऊ के बीएसए ने ही रुचि दिखाकर रिपोर्ट भेजी है, बाकी 65 जिले प्रक्रिया से दूर रहे।
सख्ती पर कई और बीएसए ने रिपोर्ट के नाम खानापूरी की। परिषद ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली खेद जताकर रिपोर्ट भेजने की समय सीमा बढ़ाकर 15 नवंबर की। कई बीएसए फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए नोटिस का प्रारूप मांग रहे थे, इस बार परिषद ने सभी जिलों को प्रारूप भेजा है। इसके बाद भी प्रक्रिया पूरी होने का नाम नहीं ले रही है। आदेश में फिर कहा गया है कि शिथिलता बरतने पर वह खुद जिम्मेदार होंगे।
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