बनना है शिक्षक,लगा रहे कोचिंग के चक्कर, टीईटी के बाद अब शिक्षक भर्ती को लेकर सरगर्मी, सरकार भी कर सकती है कोचिंग की शुरुआत
■ सरकार भी कर सकती है कोचिंग की शुरुआत
■ बनना है शिक्षक,लगा रहे कोचिंग के चक्कर
■ टीईटी के बाद अब शिक्षक भर्ती को लेकर सरगर्मी
उन्हें शिक्षक बनना है लेकिन अभी वो पढ़ाने की बजाय पढ़ने में व्यस्त हैं। कोचिंग सेंटरों के चक्कर लगा रहे हैं। नोट्स ले-दे रहे हैं। प्रदेश में 68,500 शिक्षकों की भर्ती के लिए पहली बार हो रही लिखित परीक्षा को पार लगाने के लिए कोचिंग सेंटरों में भी नए कोर्स लांच कर दिए हैं।
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अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के बाद अब शिक्षक भर्ती को लेकर माहौल गर्म है। इस बार की शिक्षक भर्ती की चर्चा इसलिए ज्यादा है कि लगभग 1.30 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद ये पहली भर्ती हो रही है। इस भर्ती में शिक्षामित्रों को अधिकतम 25 अंकों का वेटेज दिया जा रहा है। लिखित परीक्षा, शैक्षिक गुणांक और ये भारांक जोड़ने के बाद ही भर्ती की संभावनाएं बनेंगी।
टीईटी में सफल युवा ही लिखित परीक्षा दे सकते हैं लेकिन कोचिंग सेंटरों में युवाओं की भीड़ खूब जमा हो रही है। इसमें टीईटी 2017 की परीक्षा देने वाले युवा भी शामिल हैं जिसका रिजल्ट अभी नहीं आया है। इलाहाबाद, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर समेत कई जिलों में ऐसे विज्ञापनों की भरमार है जो परीक्षा पास करवाने के लिए अपने तरीके से गारंटी दे रहे हैं। कहीं दो महीने में कोर्स पूरा करवाने की बात है तो कहीं एक महीने में। कहीं कैपसूल कोर्स चल रहे तो कहीं विशेषज्ञ अलग से बुलाए जा रहे हैं। इसके लिए कोचिंग सेंटर 20 से 50 हजार रुपये तक की फीस वसूल रहे हैं।
हर विषय के लिए शहर के नामी विशेषज्ञों को जोड़ कर कोचिंग संस्थान अलग से भी पैसे ले रहे हैं। कोचिंग में कक्षाएं अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से ही चलाई जा रही हैं। पहली बार परीक्षा हो रही है इसलिए युवा इसके पैटर्न को समझने के लिए भी कोचिंग सेंटर जा रहे हैं।
राज्य सरकार भी शिक्षक भर्ती में पहली बार होने वाली लिखित परीक्षा के लिए कोचिंग शुरू करने पर विचार कर रही है। यह लिखित परीक्षा पहली बार होगी इसलिए सरकार में इस पर मंथन किया जा रहा है कि कोचिंग के माध्यम से पैटर्न को स्पष्ट किया जा सके। इससे पहले टीईटी के लिए भी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से कोचिंग दी गई थी।
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