यूपी : 69000 शिक्षक भर्ती मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई
यूपी : 69000 शिक्षक भर्ती मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई
69000 भर्ती की मिली जांच : एसटीएफ के सामने हैं कई चुनौतियां
एक दिसंबर 2018 को शुरू हुई थी सहायक शिक्षकों की भर्ती, डेढ़ साल तक चले विवाद के बाद 12 मई को घोषित हुआ रिजल्ट
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती विवादों में फंसती नजर आ रही है। परीक्ष में नकल कराने वाले गैंग का खुलासा और टॉपर्स में शामिल धर्मेन्द्र कुमार पटेल के जेल जाने के बाद सरकार ने फर्जीवाड़े की जांच के लिए एसटीएफ को लगा दिया है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। एसटीएफ के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट का पता लगा कर, किन-किन सेंटरों से पेपर कैसे आउट कराया गया, किसने सॉल्व किया,आंसर की अभ्यर्थियों तक कैसे पहुंची, परीक्षा केंद्र में कैसे सेटिंग हुई, किस-किस की मिलीभगत थी, जैसे सवालों के जवाब तलाशना बड़ी चुनौती होगी।
यही नहीं पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक कई पेंच सामने आ चुके हैं। जांच पूरी होने के बाद फर्जीवाड़ा करने वालों को बाहर किया जाएगा। यही नहीं गलत प्रश्नों के मामले में विषय विशेषज्ञों के खिलाफ फैसला होने और आवेदन की अंतिम तिथि 22 दिसंबर 2018 तक आवश्यक योग्यता नहीं रखने वाले अभ्यर्थियों के बाहर होने के कारण एक जून को जारी जिला आवंटन में भारी फेरबदल होना भी तय हो चुका है।
ऐसे में एक जून की सूची से बाहर होने वाले अभ्यर्थी कानूनी लड़ाई को पेचीदा बनाएंगे। इन सबके साथ शिक्षामित्रों का मामला पहले से सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है जिसमें 37339 सीटें सुरक्षित रखते हुए प्रक्रिया बढ़ाने का आदेश मंगलवार को ही आया है।
टॉपरों में शामिल है गिरफ्तार धर्मेन्द्र
प्रयागराज। 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में फर्जीवाड़े में गिरफ्तार धर्मेन्द्र कुमार पटेल टॉप टेन सफल अभ्यर्थियों में शामिल था। उसे 150 नंबर की परीक्षा में 142 अंक मिले थे। धर्मेन्द्र के अलावा तीन अन्य अभ्यर्थियों को 143-143 अंक मिले थे। वैसे तो 12 मई को घोषित परिणाम में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने टॉपरों की कोई लिस्ट जारी नहीं की थी लेकिन अभ्यर्थियों के जुटाए आंकड़ों से साफ है कि तीन अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्हें धर्मेन्द्र से अधिक अंक मिले हैं। प्रतापगढ़ के ही ओबीसी वर्ग के दो अभ्यर्थियों को 142-142 अंक मिले हैं। कई अन्य अभ्यर्थियों को 140 या अधिक अंक मिले हैं।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई है। डीजीपी मुख्यालय ने मंगलवार को यूपी एसटीएफ को जांच के आदेश दिए। गड़बड़ियों की पड़ताल के लिए एएसपी रैंक के अधिकारी की अगुवाई में यूपी एसटीएफ की टीम बनाई गई है। आपको बता दें कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में प्रश्न पत्र से लेकर परीक्षा के टॉपर तक पर सवाल खड़े किए गए हैं।
यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद पुलिस ने भर्ती में फर्जीवाडा़ करने के आरोप में के एल पटेल समेत 11 लोगों की गिरफ्तारी की है। पूरा मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया है। सेंटरों पर हुई नकल और लापरवाही की जांच होगी। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा 'आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्रयागराज से साठगांठ कर भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की गैरकानूनी ढंग से मदद करता है और उसके बदले में धन वसूली करता है। अगर जांच में यह साबित होता है कि कुछ अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उन्हें डिबार किया जाएगा। परीक्षा केंद्र भी भविष्य की परीक्षाओं के लिए डिबार किया जाएगा। परीक्षा केंद्र के प्रबंधक व अन्य स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी।
यूपी : 69000 शिक्षक भर्ती मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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8:15 PM
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