सभी शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेजों की जांच का सीएम योगी का फरमान

सभी शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेजों की जांच का सीएम योगी का फरमान


लखनऊ | 15 Jun 2020
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक भर्ती में धांधली के मामले सामने आने के बाद कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने रविवार को अफसरों को निर्देश दिए कि सभी शिक्षकों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेजों की जांच की जाए। उन्होंने इसके लिए एक टीम के गठन के भी निर्देश दिए हैं।


अनामिका मामले में अहम सुराग मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा, समाज कल्याण तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए


बेसिक शिक्षा विभाग पहले से ही मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से प्रमाणपत्रों का सत्यापन करवा रहा है। मुख्यमंत्री के आदेश के क्रम में सोमवार को आदेश जारी किया जा सकता है। मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड लगभग 5 लाख शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों पर शिक्षकों को अपना ब्योरा चेक करके आपत्ति करनी है और इसे सही करवाना है। जून की शुरुआत में ही प्रधानाध्यापकों की ड्यूटी लगाकर इस ब्योरे का सत्यापन कर लॉक करने के निर्देश दिए गए थे।


पोर्टल पर उपलब्ध शिक्षकों के ब्योरे को अभी लगभग एक लाख शिक्षकों ने ही चेक किया है जबकि विभाग में 5 लाख से ज्यादा शिक्षक हैं। माना जा रहा है कि जिन भी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा होगा, वह सत्यापन कराने से बचेगा। बीते दिनों कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में काम कर रहे शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों के प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश हो चुके हैं। केजीबीवी में 5 हजार से ज्यादा संविदाकर्मी काम करते हैं। एसटीएफ व एसआईटी अलग-अलग मामलों में जांच कर रही है और इस क्रम में 1700 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।



●  6.53 लाख शिक्षकों के दस्तावेज जांचेगी सरकार

●  बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा व समाज कल्याण विभाग के स्कूल-कॉलेजों के सभी शिक्षकों की जांच होगी

आगरा विवि की 2004-05 बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर करीब 4000 शिक्षकों को बेसिक में नौकरी मिल गई थी। जुलाई 2018 में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (बेसिक) प्रभात कुमार ने जिलाधिकारियों से कहा था कि वे एडीएम की अगुआई में कमिटी बनाकर 2010 के बाद बेसिक में हुईं सभी भर्तियों की जांच करें। 2.25 लाख से अधिक पद जांच के दायरे में थे। फर्जीवाड़े की जांच बाद में एसआईटी को दे दी गई थी। जांच के आधार पर अब तक 1701 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।


1701 बेसिक शिक्षक अब तक बर्खास्त

लखनऊ : बेसिक स्कूलों से लेकर कस्तूरबा विद्यालयों तक में मार्कशीट का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, समाज कल्याण के तहत संचालित सभी स्कूलों और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच के लिए टीम बनाई जाए। जो डिफॉल्टर्स मिलें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इन सभी संस्थानों में करीब 6.53 लाख शिक्षक तैनात हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों को लेकर एसआईटी और एसटीएफ पहले से ही जांच कर रही हैं।


बेसिक शिक्षा में शुरू हुई प्रक्रिया : बेसिक शिक्षा विभाग में मानव संपदा पोर्टल के जरिए दस्तावेजों की जांच शुरू हो चुकी है। इसके लिए नोडल अफसर भी बनाए गए हैं। सभी शिक्षकों की सर्विस बुक व मार्कशीट अपलोड कर दी गई है। महानिदेशक, स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने कहा है कि 25 जून तक शिक्षकों को अपनी सर्विस बुक और दस्तावेजों का सत्यापन करना होगा, ताकि अगर कोई गलती हो तो उसे ठीक किया जा सके। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को भी दस्तावेजों की जांच को कहा गया है। इसके बाद सभी के शैक्षणिक दस्तावेजों की अलग से जांच करवाई जाएगी।


कस्तूरबा स्कूलों से 26 तक मांगी रिपोर्ट : अनामिका शुक्ला की फर्जी मार्कशीट पर कई कस्तूरबा विद्यालयों में तैनाती का मामला आने के बाद वहां भी दस्तावेजों की जांच शुरू हो चुकी है। कस्तूरबा विद्यालयों में पढ़ाने वाले और गैर-शैक्षणिक स्टाफ के दस्तावेजों की जांच करने के निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्हें 26 जून तक रिपोर्ट देने को कहा गया है।
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