परिषदीय शिक्षकों की इस सत्र में भी नहीं हो सकी घर वापसी, तबादले के लिए ऑनलाइन किया था आवेदन, हाईकोर्ट ने सत्र समाप्त होते ही कार्यमुक्त करने का दिया था आदेश

गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों के परस्पर तबादले की तैयारी, दूसरी बार तबादला पाने वाले शिक्षकों की पेयरिंग (जोड़ा बनाने) की प्रक्रिया भी होगी जल्द शुरू


लखनऊ। एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले का इंतजार कर रहे परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों का गर्मी की छुट्टियों में तबादला पूरा कराने की तैयारी है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता को देखते हुए फिलहाल इसकी आवश्यक औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं दूसरी बार तबादला पाने वाले शिक्षकों की पेयरिंग (जोड़ा बनाने) की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी।

परस्पर तबादले को लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष निर्भय सिंह ने शनिवार को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया है कि गर्मी की छुट्टियों में उनका तबादला पूरा कराया जाएगा।

बताया कि जल्द ही दोबारा तबादला चाहने वाले और रजिस्ट्रेशन करा चुके शिक्षकों की पेयरिंग के लिए वेबसाइट खोली जाएगी। क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट से वाद जीते हैं। इसी क्रम में जिले के अंदर तबादला पाए और कार्यमुक्त न होने वाले शिक्षकों के बारे में भी सभी बीएसए से जानकारी मांगी गई है। इस बारे में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद का कहना है कि चुनाव आचार संहिता हटने के बाद तबादले से जुड़ी आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। मालूम रहे कि परिषदीय विद्यालयों में 20 मई से 15 जून तक गर्मी की छुट्टियां होती हैं।


परिषदीय शिक्षकों की इस सत्र में भी नहीं हो सकी घर वापसी, तबादले के लिए ऑनलाइन किया था आवेदन, हाईकोर्ट ने सत्र समाप्त होते ही कार्यमुक्त करने का दिया था आदेश

2400 शिक्षकों को अब तक इंतजार,  परिषदीय शिक्षकों का अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादला फंसा 


प्रयागराज । 2023-24 शैक्षणिक सत्र बीतने के बावजूद प्रदेशभर के तकरीबन चार हजार परिषदीय शिक्षकों की घर वापसी का सपना पूरा नहीं हो सका। हाईकोर्ट ने सत्र समाप्त होते ही शिक्षकों के स्थानान्तरण के आदेश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसका नतीजा है कि अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादले का इंतजार दस महीने बाद भी पूरा नहीं हो सका।


अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने अंतर जनपदीय सामान्य और पारस्परिक तबादले का आदेश दो जून 2023 को जारी किया था। जिसके अनुसार ग्रीष्मावकाश में दोनों तबादले की प्रक्रिया समानान्तर चलनी थी। सामान्य तबादले का आदेश मात्र 25 दिन के अंदर 26 जून को जारी हुआ और दो जुलाई को सभी कार्यमुक्त हो गए। हालांकि अंतर जनपदीय पारस्परिक तवादले का मामला अब तक फंसा हुआ है।


शुरुआत में कुछ ऐसे शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन कर दिया था जो पहले एक बार अंतरजनपदीय पारस्परिक तबादले का लाभ ले चुके थे। इन शिक्षकों को जोड़ा बनाने से रोका गया तो उनमें से कुछ शिक्षक हाईकोर्ट चले गए और परिणाम भी इनके पक्ष में आया लेकिन विभाग ने इनकी पेयरिंग नहीं कराई। जबकि पारस्परिक स्थानान्तरण के आवेदन और पेयरिंग की प्रक्रिया तीन महीने में ही पूरी हो गई थी। 


सचिव प्रताप सिंह बघेल के 29 दिसंबर के आदेश पर 11 से 13 जनवरी तक शीतावकाश के बीच इनकी कार्यमुक्ति होनी थी। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका करने वाले शिक्षक निर्भय सिंह का कहना है कि पारस्परिक तबादले के लिए शिक्षकों को कार्यमुक्त न करना उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के समान है। नियमानुसार समय से कार्रवाई होनी चाहिए ताकि शिक्षक पूरे मनोयोग से शिक्षण कर सकें।
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