वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2023-24 में प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त अनुमोदन के कम में 52836 को-लोकेटेड आंगनबाडी केन्द्रों के बच्चों हेतु लर्निंग कार्नर विकसित किये जाने के संबंध में

खेल-खेल में पढ़ाई करेंगे बच्चे, 43 करोड़ रुपये जारी, स्कूलों में बच्चों के लिए चार लर्निंग कॉर्नर विकसित होंगे

सरकार ने बच्चों को शिक्षण सामग्री मुहैया कराने के लिए बजट जारी किया


लखनऊ । नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की संस्तुतियों के आधार पर बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देने के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है।

इसके तहत पहले चरण में सरकार ने बच्चों को शिक्षण सामग्री मुहैय्या कराने के लिए करीब 43 करोड रुपये जारी किए हैं। इससे विद्यालय परिसर में संचालित ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र जो को-लोकेटेड के रूप में चिन्हित है, को लर्निंग कार्नर के रूप में विकसित किया जायेगा।

प्रदेश में वर्तमान में 52,836 को- लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, जिसके लिए केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 प्रति विद्यालय 8110 रुपये स्वीकृत करते हुए कुल 42 करोड़ 84 लाख 83 हजार 740 रुपये जारी कर दिए हैं।

इस संबंध में उत्तर प्रदेश समग्र शिक्षा की राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा की ओर से सभी जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के नाम आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि तीन से छह वर्ष के बच्चों को वैज्ञानिक तरीके से खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान सीखने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण विधि अपनाते हुए स्कूलों में चार लर्निंग कार्नर विकसित किए जाएंगे।


सामग्री खरीद के लिए स्कूल स्तर पर समिति निर्धारित 

चारों कार्नर के लिए सामग्री की खरीद के लिए समिति भी निर्धारित कर दी गई है। इसमें विद्यालय प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि प्रधानाचार्य या इंचार्ज अध्यापक सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा संबंधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्री, संबंधित क्षेत्र की आंगनबाड़ी सुपरवाइजर तथा संबंधित प्री प्राइमरी स्कूल के नोडल अध्यपक इसके सदस्य होंगे।


आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में बनाए जाएंगे लर्निंग कॉर्नर, प्रति विद्यालय 8110 रुपये की दर से धनराशि जारी


आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं में लर्निंग कॉर्नर (सीखने का कोना) बनाया जाएगा। इसकी मदद से कक्षा में छात्रों को रोचक तरीके से पढ़ाया जाएगा। कक्षा में चार लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसमें रीडिंग कॉर्नर, आर्ट कॉर्नर, ब्लॉक कॉर्नर और परफार्मेंस कॉर्नर बनाए जाएंगे।

इसके लिए प्रति विद्यालय 8110 रुपये की दर से धनराशि ज़िलों को उपलब्ध कराई गई है। को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों में लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए स्कूलों में पांच सदस्यों वाली एक समिति का गठन भी किया जाएगा। जिसमें अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष, विद्यालय के प्रधानाध्यापक-इंचार्ज अध्यापक सदस्य सचिव, संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सदस्य, संबंधित क्षेत्र की सुपरवाइजर सदस्य और नोडल अध्यापक प्री-प्राइमरी भी इसके सदस्य होंगे।

इसके लिए प्रति केंद्र 8110 रुपये का बजट आवंटित किया गया है जो विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में जाएगा। लर्निंग कॉर्नर तैयार करने के लिए शिक्षण सामग्री खरीदी जाएगी। बच्चों की रुचि बनाए रखने के लिए समय-समय पर लर्निंग कॉर्नर की सामग्री को बदला जाएगा। इससे छात्रों को खेलने और सीखने की सुविधा मिलेगी। 



स्कूल परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में बनेंगे लर्निंग कॉर्नर

नंबर गेम, पिक्चर बुक, फोम मैट, किचन व फूड सेट से सीखेंगे बच्चे


लखनऊ। प्रदेश में विद्यालय परिसर में चल रहे 52,836 आंगनबाड़ी केंद्रों (को लोकेटेड) में लर्निंग कॉर्नर बनेंगे। यहां बच्चों के सीखने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण व्यवस्था होगी। इसमें बच्चों को नंबर गेम, चित्रों के माध्यम से शब्द, फल व जानवरों आदि की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए 42.84 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। 

बता दें कि प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में सुधार के लिए तमाम काम किए जा रहे हैं। इसी क्रम में शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड (पीएबी) के अनुमोदन के बाद अब लर्निंग कॉर्नर बनाए जाएंगे। हर विद्यालय में चार लर्निंग कॉर्नर विकसित किए जाएंगे। रीडिंग कॉर्नर में फोम मैट व वर्णमाला, खुले रैक, पिक्चर व स्टोरी वाली किताबें, इंटरैक्टिव बुक मार्क, स्लेट, पोस्टर आदि होगा। आर्ट कॉर्नर में पेपर, प्लास्टिक के फल व पौधे, सब्जी, एनिमल, टूट ब्रश, आर्ट शीट आदि की व्यवस्था होगी।

इसी तरह ब्लॉक कॉर्नर में रंगबिरंगे लकड़ी के ब्लॉक, पिक्चर पजल, खिलौने, क्लिपबोर्ड, शब्द व नंबर के ब्लॉक और परफार्मेंस कॉर्नर में डॉक्टर सेट, किचन सेट, वेजीटेबल सेट, फूड सेट, फ्रूट सेट, टेलीफोन, संगीत से जुड़े यंत्र डफली आदि की व्यवस्था की जाएगी। 

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया है कि प्रति विद्यालय सिर्फ 8,110 रुपये से ही सामग्री खरीदी जाएगी। उन्होंने सभी बीएसए को निर्देश दिया है कि प्रबंध समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता वाली समिति की देखरेख में सामग्री की खरीद कर लर्निंग कॉर्नर को जल्द प्रभावी बनाया जाए। प्रधानाध्यापक इसके लिए विद्यालय स्तर पर नोडल शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की तैनाती भी करेंगे। जिससे उनकी देखरेख में बच्चे चीजों को बेहतर तरीके से सीख और समझ सकें। 


वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2023-24 में प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त अनुमोदन के कम में 52836 को-लोकेटेड आंगनबाडी केन्द्रों के बच्चों हेतु लर्निंग कार्नर विकसित किये जाने के संबंध में

वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2023-24 में प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त अनुमोदन के कम में 52836 को-लोकेटेड आंगनबाडी केन्द्रों के बच्चों हेतु लर्निंग कार्नर विकसित किये जाने के संबंध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:08 AM Rating: 5

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