डिजीटल लिट्रेसी, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग के पाठ्यक्रम निर्माण सम्बन्धी जनपद स्तरीय प्रशिक्षण हेतु बजट आवंटन के संबंध में
कम्प्यूटर शिक्षण कार्य के लिए प्रत्येक जिले में 200 बेसिक शिक्षकों को दी जाएगी ट्रेनिंग, बजट जारी
परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थी भी जानेंगे क्या है कंप्यूटर? पाठ्यक्रम में शामिल होगी डिजिटल लिटरेसी
डिजीटल लिट्रेसी, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग के पाठ्यक्रम निर्माण सम्बन्धी जनपद स्तरीय प्रशिक्षण हेतु बजट आवंटन के संबंध में
SCERT का बदलाव, छठवीं से आठवी के विज्ञान में जोड़ा नया अध्याय सतीश संगम
लखनऊ । आधुनिकता के दौर में कम्प्यूटर ज्ञान जरूरी हो गया है। इसी को देखते हुए एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) ने परिषदीय विद्यालयों के पाठयक्रम में बदलाव किया है। छठवीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी विज्ञान के साथ कम्प्यूटर की भी पढ़ाई करेंगे। इसके लिए विज्ञान विषय में डिजिटल लिटरेसी अध्याय को जोड़ा गया है। नए सत्र से विद्यार्थियों को इसकी किताबें उपलब्ध होंगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कम्प्यूटर ज्ञान को प्राथमिकता दी जा रही है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में कम्प्यूटर को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद ने भी परिषदीय विद्यालय के छठवीं से आठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है।
विभाग के मुताबिक, नए सत्र से विद्यार्थी डिजिटल लिटरेसी अध्याय के तहत कम्प्यूटर के बेसिक कोर्स की पढ़ाई करेंगे। इसमें ऑनलाइन डिजिटल शिक्षा, कम्प्यूटर, स्मार्टफोन व इंटरनेट कंनेक्टिविटी की जानकारी दी जाएगी।
डिजिटल शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को साइबर सुरक्षा व सावधानियों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। कम्प्यूटर की पढ़ाई के लिए परिषदीय विद्यालयों में आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना है। शिक्षण कार्य में कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी की उपयोगिता के बारे में जानकारी मिलेगी।
तकनीकी शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा
एससीईआरटी की निदेशक सरिता तिवारी ने बताया एनईपी के तहत कम्प्यूटर विषय को बढ़ावा दिया जा रहा है। छठवीं से आठवीं कक्षा के विज्ञान विषय में डिजिटल लिटरेसी अध्याय के शामिल होने से डिजिटल तकनीक की शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। विज्ञान, गणित, अंग्रेजी व अन्य विषय के साथ ही विद्यार्थी कम्प्यूटर को एक अध्याय के रूप में पढ़ सकेंगे।
कम्प्यूटर की पढ़ाई के लिए परिषदीय विद्यालयों में आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना है। शिक्षण कार्य में कम्प्यूटर टेक्नोलॉजी की उपयोगिता के बारे में जानकारी मिलेगी। विभाग के मुताबिक, कम्प्यूटर शिक्षण कार्य के लिए प्रत्येक जिले में 200 शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। विभाग ने प्रदेश स्तर पर 300 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया है।
डिजीटल लिट्रेसी, कोडिंग और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग के पाठ्यक्रम निर्माण सम्बन्धी जनपद स्तरीय प्रशिक्षण हेतु बजट आवंटन के संबंध में
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
5:37 AM
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