पांच बिंदुओं पर मूल्यांकन, मिलेगा स्वच्छ और हरित विद्यालय पुरस्कार, विद्यालयों को अगस्त-सितंबर में करना होगा आवेदन
पंचायतों की तरह स्कूलों को मिलेगी स्वच्छता रैंकिंग, 60 निर्धारित मानकों पर उतरना होगा खरा, स्कूलों को करना होगा स्वमूल्यांकन
स्कूलों की राष्ट्रीय स्तर की स्वच्छ एवं हरित विद्यालय ग्रेडिंग की दावेदारी में उत्तर प्रदेश बहुत पीछे, आवेदन हेतु 31 अगस्त अंतिम तिथि
उम्र से अब तक मात्र 721 बिद्यालय ने किया मूल्यांकन के लिए आवेदन
सर्वाधिक हिस्सेदारी पंजाब की जहां के 15974 स्कूलों ने दावा किया, दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र
प्रयागराज । भारत सरकार देशभर के स्कूलों की स्वच्छ एवं हरित विद्यालय रेटिंग करने जा रही है। सभी प्रदेशों के स्कूलों से दावेदारी मांगी गई है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य से मात्र 721 विद्यालयों ने रेटिंग के लिए आवेदन किया है, जबकि क्षेत्रफल में 19वें पायदान के प्रदेश पंजाब से सबसे अधिक 15974 और 16वें पायदान के प्रदेश असम से 7000 स्कूलों ने अब तक दावेदारी की है। इस उदासीनता की वजह का ठोस जवाब विभागीय अधिकारियों के पास नहीं है। अनेक क्षेत्र में अग्रसर बन रहे प्रदेश के लिए शिक्षा क्षेत्र की इस श्रेणी में अच्छा करने का अवसर हाथ से जाता दिख रहा है। दावा जरूर कि अंतिम तिथि 31 अगस्त तक अधिकतम स्कूलों का पंजीयन करा लिया जाएगा। उत्तर प्रदेश क्षेत्रफल में देश में चौथे स्थान पर है।
लिए इस योजना में शामिल होने के https://shvr.education.gov.in पर पंजीकरण कराना है। किसी भी स्कूल को अधिकतम पांच स्टार दिए जाएंगे। इसके लिए उन्हें अपने परिसर व सुविधाओं की तस्वीरें अपलोड करनी हैं। ये स्कूल जनपद, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किए जाएंगे। स्पर्धा में सरकारी, गैर सरकारी, यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय भी शामिल किए जा रहे हैं।
देश के अन्य प्रांतों के आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी क्षेत्र दिल्ली से मात्र 918, छत्तीसगढ़ से 1602, हिमाचल से 1565, झारखंड से 1193, महाराष्ट्र से 4812 विद्यालयों ने स्टार ग्रेडिंग के लिए पंजीयन कराया है।
प्रदेश में प्रयागराज में सब से अधिक 192 स्कूलों ने इसमें हिस्सा लिया है। लखनऊ में 34, बिजनौर में 48, गोरखपुर में 44। आगरा, अमेठी, बलरामपुर, बदायूं, बुलंदशहर, गैतमबुद्धनगर, गोंडा, हरदोई जैसे जिलों में एक भी स्कूलों ने पंजीयन की प्रक्रिया नहीं शुरू की है।
राष्ट्रीय मेंटर शत्रुंजय शर्मा के अनुसार कम पंजीयन की वजह सूचना का अभाव व जागरूकता की कमी हैं। उन्होंने बताया कि जल संचयन और संरक्षण, दिव्यांग अनुकूल संरचना, हाथ धुलने की व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण जैसे बिंदु पर मूल्यांकन होगा। साथ ही स्वच्छता और परिसंपत्तियों का रखरखाव, जनजागरूकता अभियान जैसे रैलियां, पोस्टर, नारे में विद्यार्थियों की भागीदारी को भी देखा जाएगा। हरित पहल, विद्यालय में क्लब गठन की गतिविधियों को भी मूल्यांकन का आधार बनाया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय की पहल पर प्रदेश में भी शुरू हुई तैयारी, जिलाधिकारियों को जारी किए गए दिशानिर्देश
लखनऊ। शिक्षा मंत्रालय की ओर से इस साल जुलाई में स्वच्छ व हरित विद्यालय रेटिंग की शुरुआत की गई है। इसमें देश के सभी विद्यालयों का पांच बिंदुओं पर मूल्यांकन होगा। इसके आधार पर विद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार दिया जाएगा। इस योजना को लेकर प्रदेश में भी तैयारी तेज हो गई है।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी डीएम को पत्र भेजकर इसकी आवश्यक तैयारी करते हुए स्वमूल्यांकन के आधार पर नामांकन कराने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत प्रदेश के विद्यालयों में जल संचयन, उपलब्धता, पहुंच व गुणवत्ता, शौचालय की क्रियाशीलता, दिव्यांग अनुकूल संरचना, हाथ धुलने की व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण, स्वच्छता, परिसंपत्तियों के जनजागरूकता अभियान, ईको रखरखाव, क्लब, हरित पहल आदि पर मूल्यांकन किया जाएगा।
महानिदेशक ने कहा है कि संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक निर्धारित पोर्टल पर यू डायस कोड व रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन करके सर्वे को पूरा कराएंगे। विद्यालयों को ऑनलाइन आवेदन अगस्त-सितंबर में करना होगा। जिला स्तर पर विद्यालयों का मूल्यांकन व मान्यता अक्तूबर तक दी जाएगी। राज्य स्तर पर विद्यालयों ि का नामांकन पोर्टल पर नवंबर के त पहले सप्ताह में किया जाएगा।
फाइव स्टार रेटिंग: महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने कहा कि इस रेटिंग से जुड़ी एक ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें आवश्यक जानकारी लेकर प्रदेश के विद्यालयों को इस अभियान में शामिल करते हुए फाइव स्टार रेटिंग के साथ राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने का काम किया जाएगा। कहा, स्कूलों में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत सभी अवस्थापना सुविधाएं पूरी की गई हैं। ऐसे में हम इस प्रतिस्पर्धा में अच्छी रेटिंग लेकर आएंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर भी होगा सम्मान समारोह
महानिदेशक ने बताया कि इन विद्यालयों का मूल्यांकन राज्य स्तर पर प्रशस्ति पत्र दिसंबर में दिया जाएगा। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालयों का नामांकन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में होगा। राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालयों को प्रशस्ति पत्र दिसंबर से फरवरी के बीच दिया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर अलग से भी सम्मान समारोह होगा। उन्होंने जिला स्तर पर बीएसए को इसके लिए नोडल अधिकारी नामित करते हुए प्रदेश के विद्यालयों को आवश्यक तैयारी करने व नामांकन कर स्वमूल्यांकन कराने के निर्देश दिए हैं।
पांच बिंदुओं पर मूल्यांकन, मिलेगा स्वच्छ और हरित विद्यालय पुरस्कार, विद्यालयों को अगस्त-सितंबर में करना होगा आवेदन
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:30 AM
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