बच्चों की पढ़ाई और पोषण अब साथ-साथ, देशभर के आंगनबाड़ी केंद्र अब किसी न किसी प्राथमिक स्कूल के साथ जुड़ेंगे


बच्चों की पढ़ाई और पोषण अब साथ-साथ, देशभर के आंगनबाड़ी केंद्र अब किसी न किसी प्राथमिक स्कूल के साथ जुड़ेंगे

शिक्षा और महिला बाल विकास मंत्रालय ने बेहतर तालमेल के लिए जारी की गाइडलाइन

9 लाख प्राथमिक स्कूल और 14 लाख से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हैं देश भर में 

3 लाख आंगनबाड़ी केंद्र पहले से ही स्कूल परिसरों में चल रहे

आंगनबाड़ी का आंगन व विद्यालय का प्रांगण बच्चों के सर्वांगीण विकास को देंगे ऊंचाई




नई दिल्ली: आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा और महिला बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया। अब देशभर के आंगनबाड़ी केंद्र किसी न किसी प्राथमिक स्कूल के साथ जुड़ेंगे। जिन गांवों में स्कूल होंगे, वहां आंगनबाड़ी केंद्र उनके परिसर में शिफ्ट होंगे जबकि जिन गांवों में स्कूल नहीं हैं, वहां आंगनबाड़ी केंद्र नजदीकी प्राथमिक स्कूलों से जुड़ेंगे। इस पहल से बच्चों का पोषण और शिक्षा एक साथ सुनिश्चित होगी।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत बच्चों को तीन साल की उम्र से पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दोनों मंत्रालयों ने एक गाइडलाइन जारी की है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस पहल से आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे स्वतः स्कूलों की पहली कक्षा में प्रमोट होकर आएंगे, जिससे उनकी ट्रैकिंग में आसानी होगी। 
उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के माध्यम से आगे की पढ़ाई कराने का प्रस्ताव भी दिया। खासकर, ऐसी महिलाएं जो बारहवीं तक नहीं पढ़ी हैं, उनके लिए एक कोर्स शुरू किया जा सकता है। प्रधान ने आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिलाओं को "वर्कर" कहने पर आपत्ति जताते हुए इन्हें "दीदी" के रूप में संबोधित करने का सुझाव दिया।

महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि इससे पोषण और शिक्षा अब साथ-साथ होंगी। आंगनबाड़ी का आंगन और विद्यालय का प्रांगण बच्चों के सर्वांगीण विकास को नई ऊंचाई देगा। कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार और महिला एवं बाल विकास सचिव अनिल मलिक ने गाइडलाइन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।


गाइडलाइन के कुछ अहम बिंदु

आंगनबाड़ी को शहरी क्षेत्र में 500 मीटर और ग्रामीण क्षेत्रों में एक किमी से अधिक दूरी पर शिफ्ट नहीं किया जाएगा।

एक स्कूल परिसर में दो से अधिक आंगनबाड़ियों को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

आंगनबाड़ी के लिए स्कूल परिसर में एक हवादार और सुरक्षित कमरा होना चाहिए, साथ ही शौचालय और खेलने के लिए परिसर भी।

स्कूलों के शिक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा।

आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

जिला शिक्षा अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी समन्वय के लिए मासिक बैठकें करेंगे।




अब एक ही परिसर से संचालित होंगे प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी,  केंद्र सरकार ने जारी किए दिशानिर्देश, बच्चों को छह साल तक पोषण और शिक्षा अब एक ही छत के नीचे

शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महिला व बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी के दिशानिर्देश


नई दिल्ली। अब तीन से छह साल की आयु तक पोषण, शिक्षा और देखभाल अब एक ही छत के नीचे मिलेगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को - प्राथमिक विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) को एक ही परिसर में स्थापित करने के दिशा-निर्देश जारी किए।

इसमें प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक और आंगनबाड़ी केंद्रों की दीदी एक साथ मिलकर काम करेंगे। पहली बार इसमें पाठयक्रम, संयुक्त योजना, - अभिभावकों की भागीदारी और - प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल व शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूत करने के लिए बच्चों के अनुकूल शिक्षण स्थल के प्रावधान शामिल किए गए हैं।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इन दिशा-निर्देशों को जारी किया। इसमें सुरक्षा, खेलकूद, स्वच्छता, पढ़ाई से लेकर बच्चों के विकास पर फोकस किया गया है।


पर्याप्त स्थान और सुविधाओं वाले स्कूलों के अंदर आंगनबाड़ी को आसपास के स्कूलों के साथ मिलाया जाएगा। इसमें छोटे बच्चों के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार होगा, मध्याह्न भोजन के लिए रसोई, इनडोर व आउटडोर खेल क्षेत्र और बच्चों के अनुकूल शौचालय जैसे मानदंड तय किए गए हैं।

जन्म से शिक्षा तक यूनिक नंबर से ट्रैकिंग की तैयारी शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा, यूआईडीएआई के साथ मिलकर जन्म से लेकर शिक्षा तक बच्चे को यूनिक नंबर के माध्यम से ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ने की तैयारी चल रही है। पोषण ट्रैकर, यूडीआईएसई प्लस के बाद ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री से जुड़ेगा।


मातृभाषा में शिक्षा और विकास होगा

केंद्रीय महिला व विकास मंत्री ने कहा, दिशा-निर्देशों में राज्यों को मातृभाषा में शिक्षा और बच्चों के विकास पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत बच्चों को घर पर बोली जाने वाली भाषा में ही बुनियादी शिक्षा मिलने पर जोर दिया गया। साथ ही, हर खेल और गतिविधि को विशिष्ट दक्षताओं से राज्य अपने तरीके से जोड़ सकते हैं। देश में करीब 14 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों और पहली कक्षा वाले 9.16 लाख विद्यालयों में करीब 2.9 लाख आंगनबाड़ी केंद्र पहले से ही स्कूल परिसरों में स्थापित हैं।


दो लाख हाईस्कूल ब्रॉडबैंड से जुड़ेंगे

प्रधान ने कहा, आंगनवाड़ी वर्कर के बजाय अब आंगनबाड़ी दीदी कहा जाएगा। जिन्होंने अपनी 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी नहीं की होगी, उन्हें आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए मॉड्यूल तैयार किया जाएगा। इसका मकसद, उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के माध्यम से बच्चों के भविष्य निर्माण में मदद करना सिखाना है।
बच्चों की पढ़ाई और पोषण अब साथ-साथ, देशभर के आंगनबाड़ी केंद्र अब किसी न किसी प्राथमिक स्कूल के साथ जुड़ेंगे Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 5:43 AM Rating: 5

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