कस्तूरबा विद्यालयों की निगरानी के साथ छात्राओं के फीडबैक से व्यवस्था होगी बेहतर, छात्राओं से अधिकारी सीधा संवाद भी करेंगे


कस्तूरबा विद्यालयों की निगरानी के साथ छात्राओं के फीडबैक से व्यवस्था होगी बेहतर, छात्राओं से अधिकारी सीधा संवाद भी करेंगे

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगा संवाद नियमित निरीक्षण पर जोर

लखनऊ। प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की निगरानी और बढ़ाई जाएगी। राजधानी स्थित केजीबीवी का मामला सामने आने के बाद समग्र शिक्षा की ओर से इसकी कवायद तेज कर दी गई है। अब छात्राओं से अधिकारी सीधा संवाद भी करेंगे। साथ ही फीडबैक व निरीक्षण व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है।

केजीबीवी में लगे ड्रॉप बॉक्स की व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाएगा। इसमें छात्राओं से हर महीने फीडबैक लेने की व्यवस्था को नियमित किया जाएगा ताकि छात्राओं को कोई दिक्कत है तो वे खुलकर अपनी बात रख सकें। हाल ही में प्रदेश की सभी केजीबीवी की छात्राओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भी बातचीत की गई।

समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि इस व्यवस्था को नियमित करते हुए हर महीने एक ऑनलाइन संवाद सत्र भी होगा। उन्होंने बताया कि पहले भी अधिकारियों की समय-समय पर होने वाली बैठकों में छात्राओं का प्रतिनिधित्व होता है और उनका सुझाव लेकर इसे प्रयोग में लाया जाता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के केजीबीवी में निरीक्षण को नियमित किया जाएगा। 

निरीक्षण में सभी व्यवस्थाओं की जांच के साथ छात्राओं से सीधा संवाद भी किया जाएगा। बता दें, राजधानी स्थिति केजीबीवी की छात्राओं से मारपीट करने की शिकायत डीएम से की गई थी। इसके बाद जांच में मामला सही पाने जाने पर वार्डन समेत पूरे स्टाफ को हटा दिया गया है। 



कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में तेज होगा आकस्मिक निरीक्षण, शासन के सख्त निर्देश, अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी

शाम पांच बजे के बाद विद्यालयों के निरीक्षण में महिला अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी


 लखनऊः प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पढ़ने वाली करीब 88 हजार छात्राओं की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अब आकस्मिक निरीक्षण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। शासन ने जनवरी 2025 में ही इस संबंध में आदेश जारी किए थे, लेकिन इसके बावजूद लखनऊ के एक विद्यालय में छात्राओं के साथ मारपीट की शिकायत सामने आई। सवाल है कि जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास सीसीटीवी कैमरों की लाइव निगरानी का अधिकार है, तो यह घटना आखिर कैसे हुई? क्या निगरानी तंत्र सिर्फ कागजों में सीमित रह गया था?

अब शासनादेश का हवाला देते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विद्यालयों की निगरानी और निरीक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान छात्राओं को दी जाने वाली निश्शुल्क वस्तुओं, उनके भोजन, स्वच्छता, रहने की व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति की बारीकी से समीक्षा की जाएगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। निगरानी की जिम्मेदारी अब चरणबद्ध तरीके से तय की गई है। 

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य को हर माह कम से कम चार विद्यालयों का निरीक्षण करना होगा। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को एक विद्यालय, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को चार विद्यालय और खंड शिक्षा अधिकारी को अपने विकासखंड के सभी विद्यालयों का हर सप्ताह निरीक्षण करना अनिवार्य किया गया है। जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) को प्रत्येक विद्यालय का माह में दो बार निरीक्षण करना होगा।

यदि कोई अधिकारी शाम पांच बजे के बाद निरीक्षण करता है, तो उसके साथ किसी महिला अधिकारी या कर्मचारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी। विद्यालयों में लगे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी अब सख्ती से की जाएगी। इन कैमरों का एक्सेस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास है, ताकि किसी भी स्थिति में जवाबदेही तय की जा सके। साथ ही यह भी व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक विद्यालय में वार्डेन, पूर्णकालिक शिक्षिका और महिला रसोइया रात में छात्राओं के साथ ही रहेंगी।




प्रदेश के सभी कस्तूरबा विद्यालयों की मुख्यालय से होगी CCTV मॉनीटरिंग, समग्र शिक्षा के तहत लगेंगे 7000 और कैमरे

लखनऊ। राजधानी स्थित कस्तूरबा गाधा बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में छात्राओं के साथ मारपीट व बाहरियों के प्रवेश का मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर के केजीबीवी में और सतर्कता बढ़ाई जाएगी। एक तरफ जहां केजीबीवी में सीसीटीवी की संख्या बढ़ाई जा रही है। वहीं मुख्यालय से सभी केजीबीवी की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की भी तैयारी तेज कर दी गई है।


लखनऊ की छात्राओं की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने जहां जांच तेज की है। वहीं समग्र शिक्षा की टीम ने भी उप शिक्षा निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में विद्यालय जाकर छात्राओं से जानकारी ली है। इस टीम में शामिल दो महिला अधिकारियों ने कई छात्राओं से अलग-अलग व्यक्तिगत भी बात कर जानकारी ली है। इसके आधार पर निदेशालय स्तर से सतर्कता और बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

समग्र शिक्षा की ओर से प्रदेश भर के केजीबीवी की मुख्यालय से मॉनीटरिंग की जाएगी। वहीं फोन के माध्यम से भी औचक फीडबैक लेने की व्यवस्था बनाई जा रही है। समग्र शिक्षा के उप निदेशक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि केजीबीवी को 12वीं तक अपग्रेड किया जा रहा है। इस क्रम में केंद्र सरकार की प्रोजेक्ट एडवायजरी बोर्ड (पीएबी) में प्रदेश की 746 केजीबीवी में 7000 से अधिक कैमरे लगाने के लिए बजट मिला है।

इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह सीसीटीवी इस तरह से केजीबीवी के चारों कोनों पर लगेंगे कि यहां पर आने व जाने वाले के साथ-साथ हर गतिविधियों की पूरी जानकारी मिल सकेगी।
कस्तूरबा विद्यालयों की निगरानी के साथ छात्राओं के फीडबैक से व्यवस्था होगी बेहतर, छात्राओं से अधिकारी सीधा संवाद भी करेंगे Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:57 AM Rating: 5

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