मा० मुख्यमंत्री जी की घोषणा- निजी संस्थानों में अध्ययनरत बालिकाओं की ट्यूशन फीस माफ किये जाने सम्बन्धी योजना" के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में।

दो बहनों में से एक की फीस माफी पर संशय बरकरार, आदेश जारी कर ऐसी बालिकाओं की मांगी संख्या

दो बहनों में से एक की ट्यूशन फीस माफ कराने की कवायद तेज


निजी स्कूलों में पढ़ने वाली एक अभिभावक की दो बेटियों में से एक की माफ होनी है ट्यूशन फीस। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलों से मांगा ब्योरा, ढाई लाख सालाना आय वालों को मिलेगा फायदा।

उत्तर प्रदेश में ढाई लाख सालाना आय सीमा वाले अभिभावकों की निजी स्कूलों में पढ़ रहीं एक से अधिक बेटियों में एक की ट्यूशन फीस माफ कराने संबंधी मुख्यमंत्री की घोषणा को अमल में लाने की तैयारी तेज हो गई है। इस संबंध में माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलों से निर्धारित फार्मेट पर ब्योरा मांगा है। 


बेसिक शिक्षा निदेशक और अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक की ओर से जिलों को जारी पत्र में कहा गया है कि यदि शासन द्वारा निर्धारित आय सीमा से नीचे जीवन यापन करने वाले किसी परिवार की एक से अधिक बच्चियां किसी विद्यालय, महाविद्यालय या संस्था में अध्ययन कर रही हैं, तो दूसरी बच्ची की ट्यूशन फीस संस्था को प्रोत्साहित करके माफ कराई जाएगी। या उसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार की ओर से की जाएगी।’


इस क्रम में अधिकारियों से विद्यालयों में संपर्क कर दूसरी बेटी की ट्यूशन फीस माफ कराने की कोशिश करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में जिलों से विद्यालयों के नाम, वहां पढ़ने वाली एक से अधिक बच्चियों में दूसरी का नाम, कक्षा, पिता का नाम व ट्यूशन फीस की वार्षिक राशि संबंधी सूचना मांगी गई है। अधिकारियों के अनुसार सभी विभागों से ब्योरा आने के बाद शासन आगे की कार्रवाई करेगा।


लखनऊ : दो बहनों में से एक की फीस माफी योजना के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलों को पत्र भेज कर ऐसी बालिकाओं की संख्या मांगी है। लेकिन इस बार भी कितनी आय सीमा वाली बालिकाओं को इसका लाभ मिलेगा, इसका जिक्र नहीं है। फरवरी में इस योजना की सूचना मांगे जाने पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी थी। लेकिन अब फिर बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने आदेश जारी कर ऐसी बालिकाओं की संख्या 24 जून तक तलब की है।


विभागीय अधिकारी इस पर बोलने से बच रहे हैं और विभागीय पत्र के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय का वह आदेश भी लगाया गया है जिसमें इस योजना पर कार्रवाई करने के निर्देश हैं। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी पत्र में भी यह ही लिखा गया है कि शासन द्वारा निर्धारित आय सीमा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की दो बालिकाएं यदि ही संस्थान में पढ़ रही हैं तो दूसरी बालिका की फीस या तो संस्थान माफ करेगा या फिर सरकार इनकी फीस की प्रतिपूर्ति करेगी। लेकिन यह आय सीमा क्या होगी, इसका जिक्र नहीं है।


तय आय सीमा माने क्या?

यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि निर्धारित आय सीमा हर योजना की अलग-अलग है। मसनल आरटीई के तहत ईडब्ल्यूएस की आय सीमा एक लाख रुपये है। 35 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की आय सीमा वाले परिवारों के बच्चों को अवरोही क्रम में निजी स्कूलों में प्रवेश दिए जाते हैं। वहीं समाज कल्याण जिन सामान्य वर्ग के दुर्बल आय वर्ग वाले विद्यार्थियों की फीस प्रतिपूर्ति करता है उसकी सीमा ढाई लाख रुपये है। पीएम आवास के लिए आय सीमा तीन लाख है।


मा० मुख्यमंत्री जी की घोषणा- निजी संस्थानों में अध्ययनरत बालिकाओं की ट्यूशन फीस माफ किये जाने सम्बन्धी योजना" के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में।

मा० मुख्यमंत्री जी की घोषणा- निजी संस्थानों में अध्ययनरत बालिकाओं की ट्यूशन फीस माफ किये जाने सम्बन्धी योजना" के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:19 AM Rating: 5

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