मिड-डे-मील योजना से खत्म होंगे छोटे एनजीओ
लखनऊ । मिड-डे-मील योजना में बच्चों को अच्छा खाना देने के लिए शहरी
क्षेत्रों में छोटे एनजीओ का दखल खत्म करने की तैयारी है। शहरी क्षेत्रों
में केवल बड़ी संस्थाओं को काम देने की तैयारी है, ताकि बच्चों को अच्छा
खाना दिया जा सके। प्रदेश के सात शहरों मथुरा, लखनऊ, सैफई, कानपुर,
वाराणसी, कन्नौज और आगरा में यह काम अक्षयपात्र फाउंडेशन को दिया जा चुका
है। यह संस्थान वर्ष 2000 से मथुरा में बच्चों को खाना खिला रही है और
जुलाई 2014 से लखनऊ में बच्चों को खाना खिलाने लगेगी।
परिषदीय
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे-मील योजना में खाना देने की
व्यवस्था है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह जिम्मेदारी ग्राम समितियों और शहरी
क्षेत्रों में स्वयंसेवी संस्थाओं को जिम्मेदारियां दी गई हैं। बड़ी
संस्थाएं न मिलने की वजह से छोटी संस्थाओं को भी खाना बांटने की
जिम्मेदारियां दे दी गई हैं। इसके चलते मिड-डे-मील योजना
में आए दिन गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती हैं।
इसलिए
शासन स्तर पर यह विचार किया जा रहा है कि शहरी क्षेत्रों में छोटी
संस्थाओं को हटाकर बड़ी संस्थाओं को खाना बनाने का काम दिया जाए। इससे
योजना की गड़बड़ियां काफी हद तक कम होंगी। नई व्यवस्था जुलाई 2014 से लागू
करने की तैयारी है। सत्र के बीच में किसी भी संस्था से काम वापस नहीं लिया
जाएगा, ताकि बच्चों को खाना मिलना बंद न हो।
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खबर साभार : अमर उजाला
मिड-डे-मील योजना से खत्म होंगे छोटे एनजीओ
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
10:35 PM
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1 comment:
gaanvo main bhi akshaypatr yojna shuru kr dijiye
teacher ko alag kr do plz.
cm g
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