शिक्षकों की पूरी हो सकती हैं आज सालों पुरानी मुरादें
- रैली में जुटेंगे प्रदेशभर के हजारों शिक्षक
लखनऊ । माध्यमिक व बेसिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की सालों पुरानी
कुछ मांगे बुधवार को पूरी करने की घोषणा हो सकती है। उत्तर प्रदेश शिक्षक
महासंघ के आह्वान पर ज्योतिबा फुले पार्क में आयोजित रैली में मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव या उनकी सरकार के मंत्री यह घोषणा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने
मंगलवार को शिक्षकों की मांगों पर स्वयं बैठक की और अधिकारियों से
विचार-विमर्श किया। हालांकि, इसका विरोध भी शुरू हो गया है। शिक्षा मित्रों
के एक संगठन ने मुख्यमंत्री से यह अनुरोध किया कि उन्हें शिक्षक बनाने
संबंधी घोषणा उनके कार्यक्रम में किया जाए। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक
संघ के चंदेल गुट ने भी सभी तदर्थ शिक्षकों को विनियमितीकरण में शामिल न
करने पर आपत्ति जताई है।
.
.
उत्तर प्रदेश
शिक्षक महासंघ के आह्वान पर बुधवार को प्रदेश भर से हजारों की संख्या में
शिक्षक रैली में शामिल होंगे। महासंघ ने मुख्यमंत्री को 20 सूत्रीय मांग
पत्र सौंपते हुए उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। शिक्षक महासंघ की
मांगों को पूरा करने के संबंध में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव राकेश गर्ग,
प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव कार्मिक, सचिव माध्यमिक व सचिव बेसिक के
साथ कई चरणों की बैठक कर चुके हैं। इसमें शिक्षकों की कुछ मांगों को पूरा
करने पर सहमति बनी है। रैली में कुछ मांगों को पूरा करने संबंधी घोषणा की
तैयारी है।
- चंदेल गुट को आपत्तिः
उत्तर
प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष व सदस्य विधान परिषद चेत नारायण
सिंह ने सरकारी घोषणा की तैयारियों को छलावा करार दिया है। उन्होंने कुछ
तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण की तैयारियों संबंधी सूचना पर आपत्ति जताई
है। कहा है कि प्रदेश में तदर्थ शिक्षकों की श्रेणी में 2000 से अधिक
शिक्षक आते हैं। कहा है कि 6 अगस्त 1992 से पूर्व के करीब 675 तदर्थ शिक्षक
विनियमित नहीं हुए हैं।
.
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षकों की पूरी हो सकती हैं आज सालों पुरानी मुरादें
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:04 AM
Rating:
4 comments:
cm sahab jo bhi bole bo amal main laye
mritak ashrit ke bare me kya bole kaise job milegi
kuch bole na bole mgr cm sahb sikshamitron ko LaLipop jarur denge chusne k liye.
में ये जानना चाहता हु कि २००९ से नियुक्ति होने के बाद से अभी तक नयी पेशन स्कीम लागु न होने के कारन क्या हैं?
Post a Comment