फिर बोले रामगोविंद चौधरी : शिक्षक पढ़ाने में नहीं ले रहे रुचि
- शिक्षक पढ़ाने में नहीं ले रहे रुचि : चौधरी
- ढाई साल में नहीं बदला बेसिक शिक्षा के प्रति लोगों का नजरिया
- केंद्र सरकार पर साधा निशाना
- केवल जीपीएफ का चेक देकर टरकाया
लखनऊ। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने बेसिक शिक्षा की स्थिति पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की जो भी समस्याएं थीं उसमें अधिकतर का निस्तारण कर दिया गया है। इसके बावजूद शिक्षक शिक्षण कार्य में रुचि नहीं लेते दिख रहे हैं। बेसिक शिक्षा के प्रति सबका नजरिया देखने व सुनने को मिल रहा है। कहा जा रहा है कि हमारे स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही। बच्चों की संख्या भी सवा लाख घट गई है। इसलिए जरूरी है कि शिक्षक शिक्षार्थी संकल्प लेकर अपने कार्य में तत्परता से लगें तभी बेसिक शिक्षा अपना अच्छा स्थान बना सकता है। श्री चौधरी सोमवार को सेवानिवृत्त होने वाले परिषदीय विालयों के शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे।
इंदिरा नगर स्थित रानी लक्ष्मी बाई मेमोरियल स्कूल में आयोजित सम्मान समारोह में बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब आप जा रहे हैं इसका दुख है। लेकिन सेवानिवृत्त तो एक आयु सीमा है जब तक सिखाने की क्षमता है आप गुरु हैं। इसलिए आपसे आग्रह है कि जिस स्कूल से आप रिटायर हुए हैं उस स्कूल में 15 दिन या सप्ताह में एक बार जरूर जाएं और अपने अनुभव नए शिक्षकों को दें। यह एक समाजिक कार्य होगा। साथ ही सेवानिवृत्त न समझ कर शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा dोत बने रहेंगे। इससे कार्यरत गुरुजनों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि दिन पर दिन घट रही संख्या पर सचिव बेसिक शिक्षा ने जानकारी दी तो कष्ट हुआ। मुझे तो विश्वास था कि नई सरकार में अच्छी पढ़ाई होगी। प्राइवेट स्कूल के बच्चे भी हमारे यहां पढ़ने आएंगे। लेकिन नतीजा सबके सामने है। इसलिए निर्देश दे रहा हूं कि छात्र संख्या बढ़ाने और गुणवत्ता पूर्वक पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। ताकि विधान सभा में कटाक्ष करने वालों पर ताला लग सके। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा एवं डायट प्राचार्या ललिता प्रदीप ने भी अपने विचार रखे।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने भले ही मंच पर अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षकों के सभी देयकों का भुगतान होने की घोषणा की हो। लेकिन सेवानिवृत्त शिक्षकों को देयकों में केवल जीपीएफ के पैसे की ही चेक देकर टरका दिया गया। बीमा व बिक्री पेंशन आदि का भुगतान अभी नहीं किया गया और न ही इन शिक्षकों को कोई जानकारी दी गई।
जूनियर हाईस्कूल लाहौरगंज डालीगंज से सेवानिवृत्त होने वाले साजिद हुसैन, जूनियर सदरौना सरोजिनीनगर से सेवानिवृत्त देवी प्रसाद शर्मा, कन्या उच्च प्राथमिक विालय से सेवानिवृत्त सम्पूर्णा देवी शुक्ल, प्राथमिक विालय अहमद खेड़ा से सेवानिवृत्त शिव बहादुर सिंह सहित किसी भी शिक्षक को जीपीएफ के अलावा कोई देयक नहीं दिया गया। शिक्षकों का कहना था कि जब मंच पर सभी देयकों के दिए जाने की घोषणा कर दी गई तो बीमा और बिक्री पेंशन की धनराशि क्यों नहीं जारी की गई। हालांकि वित्त एवं लेखाधिकारी रामकृष्ण अवस्थी का कहना है कि बीमा के लिए डेढ़ महीने पहले ही पत्रावली इलाहाबाद स्थित एलआईसी दफ्तर भेज दी गई लेकिन अभी स्वीकृति नहीं आई है।
सेवानिवृत्त शिक्षकों के सम्मान समारोह में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस माडर्न युग में भी हमारे बच्चे जमीन पर बैठते हैं। टीचर भी टूटी कुर्सियों पर बैठते हैं। हमने शिक्षा सलाहकार समिति की बैठक में बच्चों के लिए कुर्सी मेज, टाई, मोजा व जूते की व्यवस्था का प्रस्ताव रखा था। लेकिन केंद्र सरकार ने मना कर दिया।
145 शिक्षक हुए सेवानिवृत्त
सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह में बेसिक शिक्षा परिषद के 145 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए। इनमें 82 प्रधान अध्यापक व 63 सहायक अध्यापक शामिल हैं। बेसिक शिक्षा मंत्री ने 20 शिक्षक-शिक्षिकाओं को धार्मिक पुस्तक व जीपीएफ का चेक देकर सम्मानित किया। चूंकि उन्हें विधान सभा सत्र में जाना था, इसलिए शेष को एडी बेसिक व बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सम्मानित किया। इस अवसर पर 145 में से 128 शिक्षकों को जीपीएफ की चेक वितरित कर दी गई। शेष अनुपस्थित रहे।
नहीं मिला चेक
आरएलबी स्कूल के सभागार में सैकड़ों शिक्षकों के बीच 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाली एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी भी चेक लेने के लिए उपस्थित थीं। लेकिन उन्हें मंच पर नहीं बुलाया गया। दरअसल, सलेमपुर पतौरा स्कूल से सोमवार को सेवानिवृत्त हुईं चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी राम दुलारी भी चेक केलिए आई थीं। लेकिन उन्हें बिना चेक ही बैरंग लौटना पड़ा। बताया गया कि उनकी चेक कल मिलेगी।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
फिर बोले रामगोविंद चौधरी : शिक्षक पढ़ाने में नहीं ले रहे रुचि
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:59 AM
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