बीटीसी की संबद्धता पाना और होगा आसान : सत्र नियमित करने पर ज़ोर

बीटीसी की संबद्धता पाना आैर आसान

लखनऊ । राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) की ओर से बीटीसी के लिए संबद्धता अब कॉलेजों के मुताबिक दी जाएगी। इसके लिए पूर्व में तैयार रोस्टर का पालन नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता मिलने के तुरंत बाद ही संबद्धता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसलिए फिलहाल ऑनलाइन आवेदन लेने का प्रस्ताव स्थगित करने का निर्णय किया गया है। यही नहीं, बीटीसी कॉलेजों को संबद्धता देने संबंधी सभी दस्तावेज अब एससीईआरटी के स्थान पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी के पास रहेंगे। शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर जल्द मुहर लग सकती है।
 
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता स्नातक व बीटीसी है। इसलिए निजी क्षेत्र में बीटीसी कॉलेज धड़ाधड़ खुल रहे हैं। शासन ने विगत वर्ष निजी कॉलेजों को बीटीसी की संबद्धता देने के लिए रोस्टर जारी किया था। इसके मुताबिक जून में आवेदन के बाद अगस्त तक संबद्धता देने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। पर, संबद्धता देने के लिए रोस्टर का पालन नहीं हो पा रहा है। एनसीटीई से मान्यता मिलने के बाद कॉलेज प्रबंधन संबद्धता लेने के लिए तुरंत आवेदन कर देता है। इसलिए एससीईआरटी चाहता है कि एनसीटीई जिस सत्र के लिए मान्यता दे उसी सत्र में कॉलेजों को बीटीसी कोर्स चलाने के लिए संबद्धता दे दी जाए। इसी तरह संबद्धता की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इससे जुड़े सभी कागजात सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के यहां भेज दिए जाएं। बीटीसी कॉलेजों पर सीधी निगरानी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी रखता है और बीटीसी में दाखिले के साथ परीक्षा भी वही कराता है। इसलिए निजी कॉलेज प्रबंधन को इससे आसानी भी होगी।

फैक्ट फाइल : सत्र नियमित करने पर जोर
प्रदेश में बीटीसी का सत्र नियमित नहीं है। हर साल सत्र लेट हो जाता है। नियमत: अगस्त के आखिरी सप्ताह तक सत्र शुरू हो जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। सत्र 2014-15 के लिए अब भी दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। एससीईआरटी की जानकारी के मुताबिक इस समय 6000 से अधिक सीटें खाली हैं।


खबर साभार : अमर उजाला



Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
बीटीसी की संबद्धता पाना और होगा आसान : सत्र नियमित करने पर ज़ोर Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 12:42 PM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.