स्कूलों में असमंजस : अफसरों ने स्कूलों पर छोड़ा जिम्मा कहा अपने स्तर से करें इंतजाम
- बच्चे आए तो सुनेंगे मोदी मंत्र
- केंद्र सरकार के फरमान से स्कूलों में असमंजस
- पांच सितंबर को शाम तीन बजे से 4:45 तक होना है प्रधानमंत्री का भाषण
- अफसरों ने स्कूलों पर छोड़ा कहा अपने स्तर से करें इंतजाम
जिले के 1369 प्राइमरी और 473 जूनियर हाईस्कूलों में आधे से अधिक में बिजली की मुक्कमल व्यवस्था नहीं है। टीवी और प्रोजेक्टर की बात तो दूर स्कूलों में बल्ब और पंखे तक नही हैं। ऐसे में शिक्षक दिवस पर पीएम लाइव का फरमान स्कूलों के लिए मुसीबत से कम नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिक्षक दिवस पर सभी सरकारी और सहायता प्राप्त और अन्य स्कूलों में लाइव भाषण को लेकर असमंजस की स्थिति नजर आ रही है।
बख्शी का तालाब इलाके के प्राइमरी स्कूल के शिक्षक का कहना है कि सरकार ने आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन किसी ने स्कूलों की हालत देखने की जहमत नहीं उठायी। स्कूल में बिजली तक नहीं है ऐसे में प्रधानमंत्री का भाषण बच्चे कैसे सुनेंगे।
स्कूल पर छोड़ा फैसला
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि प्रधानमंत्री के भाषण से संबंधित जो निर्देश मिले थे स्कूलों को भेज दिए गए हैं। स्कूल अपने स्तर से टीवी और प्रोजेक्टर की व्यवस्था करें। बच्चों को पांच बजे तक कैसे रोकेंगे इस पर बीएसए का कहना है कि बच्चों को दोबारा बुलाया जा सकता है।
अफसर भी असमंजस में
डीआइओएस पीसी यादव का कहना है कि स्कूलों
को निर्देश दे दिए गए हैं लेकिन अनुपालन में तमाम दिक्कतें आ रही हैं।
स्कूलों के टाइमिंग को लेकर सबसे अधिक परेशानी है। अधिकतर स्कूल तीन बजे से
पहले ही बंद हो जाते हैं। कुछ स्कूलों ने भाषण रिकार्ड कर अगले दिन दिखाने
के लिए कहा है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
स्कूलों में असमंजस : अफसरों ने स्कूलों पर छोड़ा जिम्मा कहा अपने स्तर से करें इंतजाम
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:23 AM
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