टीईटी अंकपत्र न होने से काउंसिलिंग से बाहर होने वाले 10 हजार अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे

  • 72 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग का मामला
  • कोर्ट की शरण में जाएंगे 10 हजार अभ्यर्थी

प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में टीईटी के अंकपत्र न होने से काउंसिलिंग प्रक्रिया से बाहर होने वाले 10 हजार अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। काउंसिलिंग शुरू होने के बाद से ही ये अभ्यर्थी माध्यमिक शिक्षा परिषद का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें अंकपत्र हासिल नहीं हो पाया है। टीईटी 2011 कराने वाले यूपी बोर्ड के पास कोई रिकॉर्ड न होने से यह स्थिति बनी है। 

प्रदेश में पहली बार 2011 में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) हुई थी। यह परीक्षा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कराई थी। उसमें धांधली का मामला प्रकाश में आने पर तत्कालीन सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद को जेल तक जाना पड़ा था। उसके बाद ही कानपुर देहात (अकबरपुर) पुलिस ने टीईटी की सीडी आदि जब्त कर ली थी। तमाम अभ्यर्थी अंकपत्र नहीं ले पाए तो कई के अंक पत्र में नाम, पिता का नाम, जाति आदि दर्ज होने में गड़बड़ी थी। साथ ही परिषद ने टीईटी के संशोधित अंक जारी किये थे इसमें कई अभ्यर्थियों के अंक बढ़ गए थे। ऐसे में उन्हें नया अंक पत्र चाहिए था। इन्हीं प्रकरणों को लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद में करीब दस हजार से अधिक आवेदन पत्र जमा है। लंबे अर्से से अभ्यर्थी अंक पत्र पाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।

सैकड़ों अभ्यर्थी अंक पत्र न मिलने पर हाईकोर्ट भी गए और कोर्ट ने तो एक मामले में सचिव व अकबरपुर पुलिस को तलब भी किया, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकल सका। ताज्जुब यह है कि करीब तीन सौ याचिकाओं में परिषद ने लिखकर दिया है कि उनके पास कोई रिकार्ड नहीं है, फिर भी कोर्ट ने अंकपत्र जारी करने का समयबद्ध आदेश दिया है। साथ ही शासन में आला अफसर मंथन भी कर चुके हैं। दरअसल, बिना टीईटी अंकपत्र काउंसिलिंग में अभ्यर्थी शामिल नहीं हो पा रहे हैं। जिन अभ्यर्थियों के पास कोर्ट का आदेश है उन्हें सशर्त काउंसिलिंग में शामिल किया गया है, लेकिन मियाद पूरी होने पर फिर वह बाहर हो जाएंगे। ऐसे में टीईटी अच्छे नंबरों से पास अभ्यर्थी मौका आने पर नौकरी से चूकना तय हैं। यह अभ्यर्थी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।

‘जिन अभ्यर्थियों के पास टीईटी का अंक पत्र नहीं है उन्हें काउंसिलिंग में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती, अभ्यर्थी परीक्षा कराने वाली संस्था से अंक पत्र मांगे’ -सर्वेद्र विक्रम सिंह, निदेशक एससीईआरटी लखनऊ

‘हम बता चुके हैं कि हमारे पास कोई रिकार्ड नहीं है, यदि हमे रिकार्ड हमें मुहैया करा दिया जाए तो उसे जल्द बंटवा दिया जाएगा’ -शकुंतला देवी यादव, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश

‘काउंसिलिंग में एक छात्र हाईकोर्ट का आदेश लेकर आया था उसमें लिखा था कि माध्यमिक शिक्षा परिषद दो महीने में अंक पत्र दे। इस पर उसे सशर्त काउंसिलिंग में शामिल किया है’ -विनोद कृष्ण, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान इलाहाबाद।


खबर साभार :  दैनिक जागरण 




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टीईटी अंकपत्र न होने से काउंसिलिंग से बाहर होने वाले 10 हजार अभ्यर्थी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:13 AM Rating: 5

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