चेंजमेकर सम्मेलन में हुई इनोवेशन पर चर्चा, प्रदेश भर से करीब 800 शिक्षक बने चेंजमेकर, मंत्री जी बोले- शिक्षक जिम्मेदारी से पढ़ाएं तो बदल सकती है तस्वीर
- शिक्षक जिम्मेदारी से पढ़ाएं तो बदल सकती है तस्वीर
- बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी बोले,
- प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक योग्य पर इच्छाशक्ति की कमी टीचर
- चेंजमेकर सम्मेलन में हुई इनोवेशन पर चर्चा
लखनऊ। प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों में योग्यता की कोई कमी नहीं है। बस उनमें इच्छाशक्ति की कमी है। अगर वे दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पढ़ाई करवाएं तो तस्वीर बदल सकती है। यह बात बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कही। वे सोमवार को अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में स्टूडेंट एंड टीचर्स इनोवेटिंग फॉर रिजल्ट (स्टर) एजुकेशन की ओर से आयोजित टीचर चेंजमेकर सम्मेलन में बोल रहे थे। इसमें प्रदेश भर से करीब 800 सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक शामिल हुए। इन्हें स्टर एजुकेशन ने चेंजमेकर चुना है।
कार्यक्रम में 30 शिक्षकों को इंग्लैंड की रोहेम्पटन यूनिवर्सिटी का प्रमाणपत्र दिया गया, 75 शिक्षकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और 357 शिक्षकों को स्टर की ओर से प्रमाणपत्र दिया गया। स्टर एजुकेशन युगांडा और भारत में इनोवेशन के माध्यम से शिक्षकों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। इसके लिए वह पंचायत स्तर पर चेंज मेकर शिक्षकों के ग्रुप तैयार करता है। ये लोग आपस में ज्ञान का आदान-प्रदान कर इनोवेटिव ढंग से पढ़ाई करवाते हैं।
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा, इच्छाशक्ति की कमी से ही योग्य शिक्षक भी बेहतर ढंग से पढ़ाई नहीं करवाते। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता न होना चिंता का विषय है। कक्षा एक से आठ तक की शिक्षा ही वास्तविक शिक्षा है। ऐसे में इन कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षक पूरी जिम्मेदारी से काम करें। कार्यक्रम में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त निदेशक अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्टर द्वारा पूरे प्रदेश में ऐसे शिक्षक जो नवाचार के माध्यम से शिक्षण कार्य करवाते हैं उनके लिए सर्च अभियान चलाया गया। इसमें 45 हजार शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में इंग्लैंड की रोहेम्पटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर माइकल भी उपस्थित थे। उन्होंने शिक्षकों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया।
स्टर एजुकेशन के निदेशक (यूपी) सतीशचंद्र मिश्र ने कहा, अभी रायबरेली, उन्नाव और वाराणसी में इसे लागू किया गया है। लखनऊ में पिछले साल इस मुहिम को शुरू किया गया था। अब इसका विस्तार किया जाएगा।
- अभिनव प्रयोग से करवाते हैं पढ़ाई
शरथ जीवन के अनुसार चरणबद्ध ढंग से शिक्षकों को चेंजमेकर बनाया जाता है। इसके लिए न्याय पंचायत स्तर पर हम 30 ऐसे शिक्षकों को चुनते हैं जो स्कूलों में अभिनव प्रयोग के जरिये पढ़ाई करवाते हैं। यह नो कॉस्ट इनोवेशन है। अभिनव प्रयोगों को विभिन्न स्कूलों में लागू करवाया जाता है। तीन साल में हम शिक्षकों को पूरी तरह चेंज मेकर बना देते हैं। पहले साल में उन्होंने जो इनोवेशन किया है उसे दूसरे स्कूलों में लागू करवाने और अन्य शिक्षकों को प्रेरित करने का जिम्मा दिया जाता है। उन्हें एक्सपर्ट से ट्रेनिंग भी दिलाई जाती है।
खबर साभार : अमर उजाला |
- ज्ञान का आधार है प्राथमिक शिक्षा
- अंबेडकर विवि में टीचर्स चेंजमेकर समिट
- बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने की सराहना
जागरण संवाददाता, लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विवि के भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में सोमवार को टीचर्स चेंजमेकर समिट का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि शामिल हुए बेसिक शिक्षामंत्री राम गोविंद चौधरी ने प्रयास की सराहना की है। उन्होंने कक्षा शिक्षकों को कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को शिक्षा देने में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा ही ज्ञान का आधार बनती है। मजबूत आधार पर ही शिक्षा की ऊंची इमारत बनाई जा सकती है। 1कार्यक्रम संयोजक आदित्य मिश्र ने बताया कि समारोह में राज्य शैक्षणिक व अनुसंधान परिषद के अजय कुमार सिंह सहित विविध जिलों के आठ सौ से अधिक शिक्षक शामिल हुए। विशेषज्ञों ने मॉडलों के जरिए शिक्षा के बारे में जानकारी देने की मांग की।
खबर साभार : दैनिक जागरण
कक्षा एक से लेकर आठ तक की शिक्षा ही वास्तविक शिक्षा है, इसलिए जरूरत है कि इन कक्षाओं में शिक्षण कार्य करने वाले पूरी जिम्मेदारी से काम करें। हमारे शिक्षक योग्य हैं, जरूरत है तो बस थोड़ी और मेहनत से काम करने की। सरकार अपने स्तर पर संसाधनों से लेकर बेहतर माहौल बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। यह बात यूपी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने कही। वह सोमवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विवि में स्टर एजुकेशन की ओर से आयोजित टीचर चेंजमेकर सम्मिट-2015 में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि शिक्षक और सरकार मिलकर काम करें, तो हम भारत की गौरवशाली शिक्षण परंपरा को वापस ला सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को का काम सिर्फ छात्रों को शिक्षित करना भर नहीं है, बल्कि बेहतर शिक्षा देने पर जोर होना चाहिए। इस दौरान नवाचारों को समेटे पर एक पुस्तक का लोकार्पण हुआ। पुस्तक के बारे में एससीआरटी के संयुक्तनिदेशक अजय कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने स्टर के सहयोग से पूरे प्रदेश में उन शिक्षकों की पहचान करने के लिए एक सर्च अभियान चलाया, जो नवाचारों के जरिए शिक्षण का काम करते हैं। इसमें 45000 शिक्षकों ने सर्च अभियान में हिस्सा लिया और अपने-अपने नवाचारों को लिपिबद्ध कर सरकार को मुहैया कराया।
स्टर एजुकेशन के निदेशक सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अगर देश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाना है, तो शिक्षकों को महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करना होगा। साथ ही, शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर एक मंच मुहैया कराना होगा, जहां वे अपने अभिनव प्रयोगों को साझा कर सकें। साथी शिक्षकों से कुछ सीख सकें और एक समूह बनाकर अपने-अपने विद्यालयों में बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाने में अपनी भूमिका निभा सकें। भारत एक कड़वी सच्चाई से रूबरू हो रहा है। वह यह की 24 करोड़ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा 2015 के अंतरराष्ट्रीय विकास के लक्ष्य के अनुसार करा पाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। शिक्षा से जुड़े धन के खर्च श्रोत, मानव संसाधन, प्रशिक्षण और ग्रामीण व शहरी समुदाय इस लक्ष्य से काफी पीछे हैं। इसीलिए स्टर एजुकेशन शिक्षकों को चेंजमेकर बनाने के लिए उनके सामने आ रही बाधाओं को दूर करने का काम कर रहा है। इस दौरान शिक्षक और प्रधानाचार्यों को कई अहम जानकारियों से रूबरू कराया गया। बीबीएयू परिसर में कई स्टाल लगे थे, जहां पर शिक्षा को और बेहतर ढंग से दिए जाने के नए-नए उपाय बताए जा रहे थे।
डेली न्यूज़ नेटवर्क |
चेंजमेकर सम्मेलन में हुई इनोवेशन पर चर्चा, प्रदेश भर से करीब 800 शिक्षक बने चेंजमेकर, मंत्री जी बोले- शिक्षक जिम्मेदारी से पढ़ाएं तो बदल सकती है तस्वीर
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:19 AM
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