थम नहीं रहा आक्रोश शिक्षामित्रों का, प्रदर्शनों में कई हुए बेहोश तो कइयों ने की आत्महत्या की कोशिशें

  • थम नहीं रहा है आक्रोश
  • कई बेहोश, दो ने फांसी पर झूलने की कोशिश की
  • वाराणसी में कल प्रधानमंत्री के समक्ष विरोध की रणनीति
  • पढ़ाई चौपट, स्कूलों के ताले अब भी खुलना मुश्किल
  • सांसद कौशल किशोर व डीएम आवास का घेराव कर दिया ज्ञापन
  • राजधानी में शिक्षामित्र कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे
  • बीआरसी पर दर्ज करवाएंगे उपस्थिति
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद होने के बाद भड़के शिक्षामित्र बुधवार को भी आंदोलन करते रहे। मैनपुरी में एक शिक्षामित्र की तबीयत बिगड़ने से परेशान पति फांसी के फंदे पर झूल गया तो दो शिक्षामित्रों ने फांसी लगाकर खुदकशी करने की कोशिश की।
हताश शिक्षामित्र दिन भर हंगामा और नारेबाजी कर विरोध जताते रहे। वाराणसी में शिक्षामित्रों ने आर-पार की लड़ाई का एलान किया है। वहां 18 सितंबर को प्रधानमंत्री के समक्ष विरोध की रणनीति बनाई गई है, जबकि लखनऊ में डीएम को ज्ञापन सौंपा गया। मैनपुरी के नगला मूले की शिक्षामित्र शशि की तबीयत बिगड़ने पर जब उन्हें आगरा में भर्ती करा गया तो तनाव में आकर उनके विकलांग पति दीपेंद्र ने फांसी लगाकर जान दे दी।
बुधवार को सुबह करीब आठ बजे सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर के दुबग्गा स्थित आवास पर पहुंच गए। भारी संख्या में उपस्थित शिक्षामित्रों ने सांसद कौशल किशोर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सौंपा। शिक्षामित्रों ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने उनके साथ भेदभाव किया है। उत्तराखंड व महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों के समायोजन में उसने कोई आपत्ति नहीं की और यूपी के शिक्षामित्रों के साथ भेदभाव कर दिया। सांसद कौशल किशोर ने शिक्षामित्रों से कहा कि वह उनके साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं। उन्होंने शिक्षामित्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया से मिलवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह भी आंदोलन में कूदने में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर हाई कोर्ट के फैसले के बाद यह घोषणा कर देती कि जब तक मामले में कोई अंतिम हल नहीं हो जाता वह इन्हें शिक्षक का वेतन देती रहेगी तो शायद आत्महत्या न होती। उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार यादव व महामंत्री अरविंद वर्मा ने सांसद को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद शिक्षामित्रों का हुजूम डीएम आवास की ओर बढ़ा। शिक्षामित्रों के पहुंचने की खबर पाकर डीएम आवास के सभी गेट बंद करवा दिए गए। इसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शिक्षामित्रों से शांति बनाने की अपील की। शिक्षामित्रों ने यहां पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित ज्ञापन सौंपकर एनसीटीई की शिकायत की।

उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला अध्यक्ष सुशील कुमार यादव के नेतृत्व में शिक्षामित्रों ने कैसरबाग स्थित ग्लोब पार्क में बैठक की। उन्होंने फैसला किया कि सभी शिक्षामित्र प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने नहीं जाएंगे। वह ब्लॉक संसाधन केन्द्र (बीआरसी) पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। शिक्षामित्रों के आंदोलन के चलते प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई पटरी से उतर गई है। बुधवार को कजरी तीज होने के कारण अधिकतर प्राथमिक स्कूलों में महिला अध्यापकों की छुट्टी थी ऐसे में शिक्षामित्रों के कार्य बहिष्कार से पढ़ाई पूरी तरह चौपट रही।

धरना दिया :  माल, हाई कोर्ट के निर्णय से प्रभावित शिक्षामित्रों ने बुधवार को बीआरसी पर धरना दिया। शिक्षा मित्र बहाल कर सहायक पद पर बनाए रखने और शेष को समायोजित किए जाने की मांग की।

थम नहीं रहा आक्रोश शिक्षामित्रों का, प्रदर्शनों में कई हुए बेहोश तो कइयों ने की आत्महत्या की कोशिशें Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:13 AM Rating: 5

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