प्रोफेशनल को लेकर असहज विभाग,विज्ञान/गणित शिक्षकनियुक्तियों का मामला, जबकि टीजीटी-पीजीटी, कस्तूरबा गांधी, केंद्रीय विद्यालय व लोकसेवा आयोग में प्रोफेशनल को ‘नो एंट्री’
कोर्ट ने भले ही प्रोफेशनल डिग्री धारकों को शिक्षक के रूप में तैनाती देने का आदेश दिया है, पर शिक्षा विभाग के अफसर व अन्य दावेदार अभ्यर्थी इससे असहज हैं। प्रोफेशनल को प्रवेश देने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी नौकरी पाने की दौड़ से बाहर हो गए हैं, वहीं बदल रहे आदेश से अफसर हैरान हैं कि आखिर वह क्या और कैसे करें। इसीलिए सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में विज्ञान/गणित शिक्षकों की नियुक्ति की गाइड लाइन जानने के लिए दिन भर फोन घनघना रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इस समय विज्ञान/गणित के 29334 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं। इसमें मना करते हुए भी अफसरों को कोर्ट के आदेश पर प्रोफेशनल अभ्यर्थियों को शामिल कराना पड़ा है। दरअसल प्रोफेशनल अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग में प्रवेश का मौका अरसे बाद मिला है, क्योंकि माध्यमिक शिक्षा परिषद की टीजीटी (स्नातक शिक्षक) एवं पीजीटी (प्रवक्ता) पद के लिए यह आवेदन नहीं कर पाते हैं, क्योंकि वहां पर स्नातक स्तर पर विज्ञान या गणित विषय के रूप में होना चाहिए।
ऐसे ही कस्तूरबा गांधी विद्यालय, केंद्रीय नवोदय विद्यालय एवं उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में इन्हें मौका नहीं मिला है। यह जरूर है कि आयोग की अधीनस्थ कृषि सेवा वर्ग-3 (प्राविधिक सहायक ग्रुप-सी) परीक्षा 2013 में तो लिखित परीक्षा पास अभ्यर्थियों को साक्षात्कार से बाहर कर दिया गया था।
असल में प्रोफेशनल अभ्यर्थियों के पास जो अंक पत्र हैं उनमें विज्ञान या फिर गणित विषय का अलग से जिक्र नहीं है। फिर भी उन्हें मौका देने से विज्ञान/गणित शिक्षक भर्ती में पूरी मेरिट में बदलाव हो गया है। कई अभ्यर्थी रेस से ही बाहर हो गए हैं। वहीं अफसरों को भी प्रोफेशनल रास नहीं आ रहे हैं। इसीलिए कई जनपदों से यह शिकायतें आ रही हैं कि उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी यह शिकायतें कर रहे हैं कि वह मेरिट में थे, लेकिन अब नियुक्ति पत्र में उन्हें शामिल नहीं किया गया है। उधर, प्रोफेशनल अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में शामिल कराने के लिए एक हाईपावर कमेटी बनी थी उसकी रिपोर्ट पर न्यायालय ने मौका दिया है। रिपोर्ट में स्पष्ट है कि प्रोफेशनल अभ्यर्थी इंटरमीडिएट स्तर की गणित/विज्ञान के लिए पूरी तरह से अर्ह हैं।
प्रोफेशनल को लेकर असहज विभाग,विज्ञान/गणित शिक्षकनियुक्तियों का मामला, जबकि टीजीटी-पीजीटी, कस्तूरबा गांधी, केंद्रीय विद्यालय व लोकसेवा आयोग में प्रोफेशनल को ‘नो एंट्री’
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:10 AM
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