राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजधानी में मिड-डे-मील से 82 बच्चों के बीमार होने के मामले का लिया स्वत: संज्ञान, शासन से जवाब-तलब, दो हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
- जहरीला भोजन परोसने पर शासन से जवाब-तलब
- मानवाधिकार आयोग ने दो हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
- मिड-डे-मील योजना में जुग्गौर के 82 बच्चे हुए थे बीमार
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजधानी के एक सरकारी स्कूल में जहरीला मिड-डे-मील खाने से 82 बच्चों के बीमार होने के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने लखनऊ के डीएम, एसएसपी और सचिव, बेसिक शिक्षा को नोटिस भेजकर दो हफ्ते में पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। दो सितंबर को लखनऊ के एक प्राथमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कढ़ी और चावल परोसने के बाद बच्चों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हुई। इसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। आयोग ने इसे मानवाधिकार उल्लंघन का मामला माना है। अक्षय पात्र द्वारा की गई इस आपूर्ति की पहले भी शिकायत मिली थी। आयोग ने इस बात पर नाराजगी जतायी है कि मिड डे मील की गुणवत्ता की जांच नहीं होती और बच्चों को दूषित भोजन के लिए शिक्षक मजबूर करते हैं। आयोग ने इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश के साथ ही अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।
खबर साभार : दैनिक जागरण |
नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मिड डे मील खाने के बाद 80 छात्रों के बीमार पड़ने की एक घटना पर लखनऊ प्रशासन व उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग को नोटिस जारी किया है। यह घटना दो सितंबर की है जब लखनऊ के चिनहट इलाके के जुग्गौर में जुग्गौर-1, जुग्गौर-2 और एक प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने मिड डे मील खाने के बाद पेट दर्द व उलटी होने की शिकायत की। इसके बाद, कई एंबुलेंस स्कूल भेजे गए। पहले उन्हें एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। बाद में उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल भेजा गया। इस घटना की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा विभाग के सचिव व लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए। उन्हें दो हफ्तों में रिपोर्ट दाखिल करनी है। आयोग ने कहा कि जब बच्चों ने खाने में बू की शिकायत की तो शिक्षक ने उन्हें चुप रहने व खाना खत्म करने का आदेश दिया। आयोग ने दोषी अफसरों के साथ ही उस शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जिसने बच्चों की शिकायतें दरकिनार कर उन्हें खाना खाने के लिए मजबूर किया।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजधानी में मिड-डे-मील से 82 बच्चों के बीमार होने के मामले का लिया स्वत: संज्ञान, शासन से जवाब-तलब, दो हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:13 AM
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