सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को पत्र भेजकर भेजे निर्देश, सीधे-सीधे आदेश देने के बजाए दिए गोलमोल निर्देश
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने बीएसए को जारी किया फरमान
उच्च प्राथमिक स्कूलों में 29334 विज्ञान/गणित शिक्षकों की नियुक्ति में स्पष्ट आदेश न होने से बेसिक शिक्षा अधिकारी उहापोह का शिकार हैं। ‘दैनिक जागरण’ ने 18 जिलों में नियुक्ति पत्र न बंटने की खबर मंगलवार को प्रमुखता से उजागर की तो बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर फिर निर्देश भेजे हैं। इसमें कई बिंदुओं पर क्या करें व क्या न करें पर सीधे-सीधे आदेश देने के बजाए गोलमोल निर्देश दिया गया है। ऐसे में अफसरों के उसके निहितार्थ अपनी तरह से निकालने से इनकार नहीं किया जा सकता।
इग्नू की योग्यता का प्रकरण
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से स्नातक या फिर बीएड उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विज्ञान/गणित विषय के सहायक अध्यापकों की नियुक्ति में मान्य है। इसमें शासनादेश के अनुरूप चलें।
उप्र टीईटी का प्रकरण
कई जनपदों से यह पूछा गया है कि तमाम अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने के बाद प्रशिक्षण योग्यता (बीएड या बीटीसी) उत्तीर्ण की है। इस संदर्भ में कहा गया कि शासनादेश के प्रावधानों का अनुपालन करें जिसमें स्पष्ट है कि पहले प्रशिक्षण योग्यता और बाद में टीईटी होना चाहिए।
प्रोफेशनल योग्यता प्रकरण
उच्च न्यायालय की सत्येंद्र कुमार सिंह व अन्य बनाम उप्र राज्य व अन्य में पारित आदेश के अनुक्रम में जिला चयन समिति कार्यवाही करें। इस याचिका में कहा गया है कि स्नातक में विज्ञान एवं गणित विषय वालों को ही नियुक्ति पत्र दिया जाएं। हालांकि प्रोफेशनल अभ्यर्थियों का दावा है कि हाईपावर कमेटी ने उनके तमाम पाठ्यक्रमों को विज्ञान व गणित शिक्षक बनने के लिए सही पाया है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने बीएसए को जारी किया फरमानबेसिक शिक्षा अधिकारियों ने पूछा है कि प्राथमिक विद्यालयों में काउंसिलिंग करा चुके अभ्यर्थी क्या उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए भी अर्ह होंगे। दरअसल, सूबे में बड़ी तादाद में ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय दोनों की शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की है। इसमें सचिव ने निर्देश दिया है कि प्रशिक्षु वालों को जूनियर में मौका नहीं दिया जा सकेगा। उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार के अधीन कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्धारित धारणाधिकार संबंधी प्राविधान कार्यरत परिषदीय अध्यापकों पर नियमानुसार लागू है। इसके अनुरूप कार्यवाही की जाए। साफ है कि परिषद के स्कूलों में तैनात प्रशिक्षु शिक्षकों को मौका नहीं मिलेगा, क्योंकि वह अभी परिषद के अधीन नहीं है।
नोट: धारणाधिकार का यह अधिकार परिषदीय शिक्षकों के लिए भी अनुमन्य है। यह बात सचिव द्वारा लिखी गयी है। पेपर की इस खबर का आशय केवल प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए ही है।
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