मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिक्षामित्रो को दिया भरोसा : जैसे पढ़ा रहे थे, वैसे पढ़ाएं शिक्षामित्, वेतन और सुविधाएं मिलती रहेंगी, हाई कोर्ट के फैसले पर सरकार को सुझाव के लिए बनी समिति
- जैसे पढ़ा रहे थे, वैसे पढ़ाएं शिक्षामित्र
- शिक्षामित्रों को पहले की तरह मिलता रहेगा वेतन : सीएम
- मुलाकात के बाद अखिलेश ने कहा- सभी विकल्पों पर कर रहे विचार
- 90 दिन का समय, निकाल लेंगे रास्ता : चौधरी
- मुख्यमंत्री ने बैठक में दिया हरसंभव मदद का आश्वासन
- जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए स्कूलों में पढ़ाने के लिए की अपील
- हाई कोर्ट के फैसले पर सरकार को सुझाव के लिए समिति
लखनऊ।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिक्षामित्रों से कहा है कि वे पहले की तरह
स्कूलों में बच्चों को पढ़ाते रहेंगे। उन्हें पहले की तरह वेतन और अन्य लाभ
फिलहाल मिलता रहेगा। राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को मदद के लिए सभी
विकल्पों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। सीएम ने सोमवार को अपने सरकारी
आवास पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ शिक्षामित्रों के एक
प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान यह आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री
ने शिक्षामित्रों से शिक्षण कार्य को जारी रखने की अपेक्षा करते हुए
उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र
छात्र-छात्राओं का अधिक से अधिक ज्ञानवर्धन करें और शिक्षा की गुणवत्ता
बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य से दूर रहना या विद्यालयों में पढ़ाई
बाधित करने को किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।
- महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल से भी मिले
मुख्यमंत्री
ने बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में शिक्षा मित्रों के
साथ महाराष्ट्र से आए प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। शिक्षा मित्रों में
जितेंद्र कुमार शाही, गाजी इमाम आला, अनिल कुमार यादव, अमित यादव, धर्मवीर
यादव, श्यामलाल यादव, शिवकुमार शुक्ला शामिल थे। महाराष्ट्र से विधान परिषद
में शिक्षक सदस्य कपिल पाटिल से भी मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र पैटर्न पर
बातचीत की।
- सीएम बोले- यूपी के साथ दोहरी नीति क्यों
मुख्यमंत्री
ने शिक्षामित्रों से कहा कि जब उत्तराखंड और महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों
को बिना टीईटी के शिक्षक बनाया जा सकता है, तो यूपी में क्यों नहीं? जब
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने वहां कोई आपत्ति नहीं उठाई,
तो फिर यूपी के लिए क्यों। वह दोहरी नीति क्यों अपना रहा है।
- तालाबंदी समाप्त, सांकेतिक विरोध जारी
मुख्यमंत्री
से आश्वासन मिलने के बाद शिक्षामित्रों ने स्कूलों में तालाबंदी समाप्त कर
दी है। शिक्षामित्र संयुक्त मोर्चा के अनिल कुमार यादव ने कहा है कि वे
पूर्व की तरह स्कूलों में शिक्षण कार्य करते रहेंगे। स्कूलों में छुट्टी
होने के बाद शिक्षामित्र ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर एकत्र होंगे और एनसीटीई
के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे। बीकेटी और माल विकास खंड के शिक्षामित्रों
ने सोमवार को भी काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इसके बाद नेशनल काउंसिल
फॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) का पुतला फूंका।
- पीएम से करेंगे बात
अखिलेश
ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मानव संसाधन विकास
मंत्री स्मृति ईरानी से बातचीत की जा रही है। पीएम से अनुरोध किया जाएगा कि
वे एनसीटीई को यूपी के शिक्षामित्रों के साथ भेदभाव न करने का निर्देश
दें। शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल ने
सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। इस
दौरान बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी भी उपस्थित थे।
बेसिक
शिक्षामंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सीएम ने शिक्षामित्रों को हर संभव
न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। हाईकोर्ट के आदेश को अमल लाने के लिए 90
दिन का समय है। राज्य सरकार इस बीच शिक्षामित्रों के हितों के लिए कोई न
कोई रास्ता जरूर निकाल लेगी।
मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव ने शिक्षामित्रों के मामले में विकल्प तलाशने के लिए मुख्य
सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इसमें प्रमुख
सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा व बेसिक शिक्षा निदेशक के अलावा दो और
सदस्य होंगे।
हाई कोर्ट द्वारा अपने समायोजन को अवैध ठहराने से आंदोलनरत शिक्षामित्रों से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपील की है कि वे स्कूलों में जैसे पढ़ा रहे थे, वैसे ही पढ़ाना शुरू कर दें। अपनी नौकरी और वेतन को लेकर सशंकित शिक्षामित्रों को मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके साथ है और उनकी हरसंभव मदद करेगी।
मुख्यमंत्री आवास पर
सोमवार को शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारियों के साथ तकरीबन पौन घंटे चली
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षामित्रों की मदद के लिए सरकार सभी
विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रही है। जरूरत पड़ी तो सरकार कानूनी लड़ाई
लड़ेगी और प्रधानमंत्री से बातचीत भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि
शिक्षामित्र कोई आत्मघाती कदम न उठाएं। शिक्षण कार्य जारी रखने की अपेक्षा
करते हुए शिक्षामित्रों को उनके दायित्व का भी अहसास कराया। कहा कि बच्चों
को प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने में शिक्षामित्रों की अहम भूमिका है।
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारियों ने स्कूलों में पढ़ाने का काम शुरू करने का एलान किया है। हालांकि स्कूल की अवधि के बाद ब्लॉक संसाधन केंद्र पर धरना देने का उनका पूर्वघोषित कार्यक्रम जारी रहेगा। बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी, राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह, विभाग की प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव भी मौजूद थे। महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों के समायोजन में भूमिका निभाने वाले वहां के विधान परिषद सदस्य कपिल पाटिल भी बैठक में उपस्थित थे।
शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराने के हाई कोर्ट के आदेश से बैकफुट पर आयी राज्य सरकार इस समस्या का तोड़ निकालने में गंभीरता से जुट गई है। हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर सरकार को शिक्षामित्रों के हित में इस समस्या का समाधान सुझाने और मशविरा देने के लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। मुख्य सचिव ने सोमवार को विधान भवन में इस मुद्दे पर बैठक भी की। प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा समिति की सदस्य-सचिव व संयोजक बनायी गई हैं। प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव वित्त, निदेशक बेसिक शिक्षा व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद समिति के सदस्य होंगे। समिति शिक्षामित्रों के मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल करने के बारे में न्याय विभाग से राय हासिल करेगी। राज्य के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह के माध्यम से महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों के समायोजन के बारे में वहां के महाधिवक्ता से परामर्श भी प्राप्त करेगी।
मुख्यमंत्री से आश्वासन मिलने के बाद शिक्षामित्र संगठनों के पदाधिकारियों ने स्कूलों में पढ़ाने का काम शुरू करने का एलान किया है। हालांकि स्कूल की अवधि के बाद ब्लॉक संसाधन केंद्र पर धरना देने का उनका पूर्वघोषित कार्यक्रम जारी रहेगा। बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी, राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह, विभाग की प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, उप्र प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव भी मौजूद थे। महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों के समायोजन में भूमिका निभाने वाले वहां के विधान परिषद सदस्य कपिल पाटिल भी बैठक में उपस्थित थे।
शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराने के हाई कोर्ट के आदेश से बैकफुट पर आयी राज्य सरकार इस समस्या का तोड़ निकालने में गंभीरता से जुट गई है। हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर सरकार को शिक्षामित्रों के हित में इस समस्या का समाधान सुझाने और मशविरा देने के लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। मुख्य सचिव ने सोमवार को विधान भवन में इस मुद्दे पर बैठक भी की। प्रमुख सचिव डिंपल वर्मा समिति की सदस्य-सचिव व संयोजक बनायी गई हैं। प्रमुख सचिव न्याय, प्रमुख सचिव वित्त, निदेशक बेसिक शिक्षा व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद समिति के सदस्य होंगे। समिति शिक्षामित्रों के मामले में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल करने के बारे में न्याय विभाग से राय हासिल करेगी। राज्य के महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह के माध्यम से महाराष्ट्र में शिक्षामित्रों के समायोजन के बारे में वहां के महाधिवक्ता से परामर्श भी प्राप्त करेगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिक्षामित्रो को दिया भरोसा : जैसे पढ़ा रहे थे, वैसे पढ़ाएं शिक्षामित्, वेतन और सुविधाएं मिलती रहेंगी, हाई कोर्ट के फैसले पर सरकार को सुझाव के लिए बनी समिति
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:37 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment