शिक्षकों ने की दावेदारी, अब अफसरों की बारी, परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के तबादले का मामला, मनचाहे स्कूलों में तैनाती के लिए शिक्षकों ने की बड़ी संख्या में दावेदारी
- स्थानान्तरण
- शिक्षकों ने की दावेदारी, अब अफसरों की बारी
- परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के तबादले का मामला
मनचाहे स्कूलों में तैनाती के लिए शिक्षकों ने
दावेदारी कर दी है। अब उस पर मुहर लगाने का जिम्मा अफसरों का है। प्रदेश भर
में बड़ी संख्या में आवेदन हुए हैं। अंतिम दिन शिक्षकों ने खंड शिक्षा
अधिकारियों के यहां प्रपत्र सौंपा है। हालांकि एनआइसी की वेबसाइट पर सभी
जिलों ने सभी विद्यालय एवं सृजित एवं शिक्षकों के खाली पदों का ब्योरा नहीं
दिया है। इसके बाद भी शिक्षकों ने हार नहीं मानी, अपने तरीके से संबंधित
स्कूल की पूरी जानकारी हासिल करके आवेदन किया है।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने इस बार परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की तबादला नीति जारी की है। इसमें जिले में ही अपने मनमाफिक स्कूल में तबादला कराने का मौका दिया गया है। इसके लिए परिषद ने एक प्रपत्र जारी किया था, उसे भरकर खंड शिक्षा अधिकारी के यहां जमा करना था। इसमें शिक्षकों को तीन विकल्प देना है ताकि अफसर सुविधा अनुसार तबादला कर सकें। शिक्षकों की ओर से आवेदन की मियाद गुरुवार को पूरी हो गई है। अब अफसरों को उस पर मुहर लगानी है।
खंड शिक्षा अधिकारी आवेदनों की पड़ताल करके 12 सितंबर को बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपेंगे, तब जिला स्तरीय स्थानांतरण समिति उस पर विचार करेगी और 19 सितंबर को शिक्षकों को आदेश दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में शिक्षकों ने बड़ी तादात में आवेदन किए हैं। शैक्षिक सत्र के मध्य में यह कवायद विभाग को परेशान भी कर सकती है।
अफसरों को तबादलों में पूरा एहतियात बरतना होगा, क्योंकि जल्दबाजी और दबाव में आदेश हुए तो स्कूल शिक्षक विहीन भी हो सकते हैं। अब सभी की निगाहें अफसरों के निर्णय पर लगी हैं। वहीं सैकड़ों शिक्षकों का एक जिले से दूसरे में जाने के लिए आदेश का इंतजार है।
इस बार की तबादला नीति में दूसरे जिले में जाने की हसरत रखने वाले शिक्षकों को निराश होना पड़ा है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय में भी तबादला चाहने वालों का तांता लग रहा है। ऐसे ही अन्य अफसर भी अब तबादले की प्रक्रिया पूरी करने में व्यस्त हो गए हैं।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने इस बार परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की तबादला नीति जारी की है। इसमें जिले में ही अपने मनमाफिक स्कूल में तबादला कराने का मौका दिया गया है। इसके लिए परिषद ने एक प्रपत्र जारी किया था, उसे भरकर खंड शिक्षा अधिकारी के यहां जमा करना था। इसमें शिक्षकों को तीन विकल्प देना है ताकि अफसर सुविधा अनुसार तबादला कर सकें। शिक्षकों की ओर से आवेदन की मियाद गुरुवार को पूरी हो गई है। अब अफसरों को उस पर मुहर लगानी है।
खंड शिक्षा अधिकारी आवेदनों की पड़ताल करके 12 सितंबर को बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपेंगे, तब जिला स्तरीय स्थानांतरण समिति उस पर विचार करेगी और 19 सितंबर को शिक्षकों को आदेश दिया जाएगा। पूरे प्रदेश में शिक्षकों ने बड़ी तादात में आवेदन किए हैं। शैक्षिक सत्र के मध्य में यह कवायद विभाग को परेशान भी कर सकती है।
अफसरों को तबादलों में पूरा एहतियात बरतना होगा, क्योंकि जल्दबाजी और दबाव में आदेश हुए तो स्कूल शिक्षक विहीन भी हो सकते हैं। अब सभी की निगाहें अफसरों के निर्णय पर लगी हैं। वहीं सैकड़ों शिक्षकों का एक जिले से दूसरे में जाने के लिए आदेश का इंतजार है।
इस बार की तबादला नीति में दूसरे जिले में जाने की हसरत रखने वाले शिक्षकों को निराश होना पड़ा है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के कार्यालय में भी तबादला चाहने वालों का तांता लग रहा है। ऐसे ही अन्य अफसर भी अब तबादले की प्रक्रिया पूरी करने में व्यस्त हो गए हैं।
खबर साभार : दैनिक जागरण
शिक्षकों ने की दावेदारी, अब अफसरों की बारी, परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के तबादले का मामला, मनचाहे स्कूलों में तैनाती के लिए शिक्षकों ने की बड़ी संख्या में दावेदारी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:14 AM
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