15 हजार शिक्षकों की भर्ती पर नहीं लगाई कोई रोक, हाईकोर्ट ने साफ़ की स्थिति, सिर्फ चौथी बार लिए आवेदनों पर लगाईं है रोक
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पूर्व में दिए अपने एक आदेश पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि उसने प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। सिर्फ उन अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों पर विचार करने से रोका गया है, जिन्हें 18 दिसंबर के शासनादेश के माध्यम से अंतिम तिथि निकलने के बाद आवेदन करने का मौका दिया गया था।
बेसिक शिक्षा परिषद ने 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए 9 दिसंबर 2014 को शासनादेश जारी किया था। आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 मार्च 2015 थी, लेकिन बाद में समय-समय पर कोर्ट के आदेश से ही कुछ और लोगों को भी आवेदन करना का मौका दिया गया। बीती 18 दिसंबर को नैसर्गिक न्याय की बात कहते हुए राज्य सरकार ने एक शासनादेश के माध्यम से उन सभी लोगों को आवेदन का मौका दे दिया, जो आवेदन करने से छूट गए थे।
इस निर्णय के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए, जिस पर कोर्ट ने 25 जनवरी को अंतरिम आदेश देते हुए नए आवेदनों पर विचार करने पर रोक लगा दी। अब जस्टिस राजन रॉय ने अपने आदेश में कहा है कि 25 जनवरी के आदेश को इस तरह से लिया गया कि मानों पूरी भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगा दी गई है। जबकि, ऐसा नहीं है। सिर्फ 18 दिसंबर के शासनादेश के तहत अंतिम तिथि के बाद स्वीकार किए गए आवेदनों पर रोक लगाई गई है। ये आवेदक कोर्ट के किसी आदेश के तहत भी कवर नहीं होते हैं।
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