प्रदेश में लागू हो सकता है फीरोजाबाद का शिक्षागृह, शुक्रवार को लखनऊ में संपन्न बैठक में शिक्षाधिकारियों ने किया प्रस्तुतिकरण
सचिव ने सराही फीरोजाबाद की पहल, एक कमेटी गठित, समझेगी शिक्षागृह
फीरोजाबाद : फीरोजाबाद का शिक्षागृह अगले सत्र से समूचे प्रदेश
में लागू हो सकता है। अब तक पढ़ाई के नाम पर बेसिक शिक्षा में कहीं कोई
जवाबदेही नहीं है। माध्यमिक में तो बोर्ड परीक्षा के परिणाम से शिक्षकों की
पढ़ाई की समीक्षा हो जाती है, लेकिन बेसिक में यह भी नहीं है। ऐसे में जब
शुक्रवार को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी बालमुकुंद प्रसाद ने लखनऊ में संपन्न
प्रदेश भर के शिक्षाधिकारियों की बैठक में शिक्षागृह कार्यक्रम का
प्रस्तुतिकरण दिया तो हर स्तर पर इस कार्यक्रम को शाबासी मिली। किस तरह से
इस कार्यक्रम से शिक्षकों की जवाबदेही तय कर प्राइमरी स्तर पर बच्चों की
नींव मजबूत की जा सकती है, यह देख कर अब इसे प्रदेश स्तर पर लागू करने पर
विचार चल रहा है।
बताया जाता है बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव आशीष गोयल ने इसे अच्छी पहल बताते हुए एक कमेटी का गठन किया है जो शिक्षा गृह का ¨बदुवार अध्ययन करेगी। इस कमेटी में डायरेक्टर बेसिक शिक्षा, डायरेक्टर एनसीईआरटी के साथ में सर्व शिक्षा अभियान के अफसरों सहित एडी बेसिक एवं बीएसए को शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
यह कमेटी फीरोजाबाद में आकर
संपूर्ण शिक्षा गृह को समझेगी। शिक्षा गृह कार्यक्रम में होने वाले सुधारों
पर भी समिति मंथन करेगी, ताकि यह और भी ज्यादा उपयोगी बन सके। माना जा रहा
है अगर कमेटी की रिपोर्ट आशातीत रही तो आने वाले सत्र से ही बेसिक शिक्षा
विभाग शिक्षा गृह कार्यक्रम को अन्य जिलों में लागू कर सकता है। लखनऊ में
शिक्षा गृह कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय बीएसए बालमुकुंद प्रसाद
के साथ में सिनर्जी संस्था के राजीव यादव भी रहे। इस संबंध में बीएसए
बालमुकुंद प्रसाद ने कहा शिक्षा गृह कार्यक्रम को प्रदेश स्तर पर सराहना
मिली है।
क्या है शिक्षागृह कार्यक्रम:-
- सत्र के प्रारंभ में कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों का बेस लाइन सर्वे होता है।
- इस सर्वे में बच्चों को ए, बी, सी एवं डी ग्रेड में बांटा जाता है।
- साल भर के लिए हर माह का पाठ्यक्रम तय कर दिया जाता है।
- हर दो माह यूनिट टेस्ट का कार्यक्रम शिक्षा गृह में है।
- शिक्षकों पर जिम्मेदारी है कि बच्चों को बेस लाइन के ग्रेड से आगे वाले ग्रेड में लाएं।
- परीक्षाओं के लिए न्याय पंचायत स्तर पर परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं, ताकि कई स्कूलों के बच्चे एक जगह पर परीक्षा दें।
शिक्षा गृह के फायदे:-
- शिक्षकों पर बच्चों का ग्रेड बढ़ाने का दबाव रहेगा। लिहाजा स्कूलों में पढ़ाई होगी।
- सतत निगरानी से सतत शिक्षण प्रणाली विकसित होगी तथा बच्चे शिक्षित होंगे।
- अब तक सिर्फ शिक्षकों पर पढ़ाने की जिम्मेदारी थी, इससे बच्चों को ज्ञानवान बनाने का दायित्व होगा।
प्रदेश में लागू हो सकता है फीरोजाबाद का शिक्षागृह, शुक्रवार को लखनऊ में संपन्न बैठक में शिक्षाधिकारियों ने किया प्रस्तुतिकरण
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
10:58 AM
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