सरकारी नौकरी के लालच में पिट रहे बीएड-टीईटी वाले : सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की गलत व्याख्या से बिगड़े हालात, बिना आधार सिर्फ दबाव बनाकर नौकरी पाने की है जिद



भ्रम की स्थिति
इलाहाबाद। सरकारी टीचरी के लालच में बेरोजगारों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की गलत व्याख्या से भी युवाओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। बिना आधार सरकार पर दबाव बनाकर नौकरी पाने की जिद में बेरोजगार सही-गलत में अंतर तक नहीं कर पा रहे।

सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति दिए जाने की मांग को लेकर बीएड और टीईटी पास अभ्यर्थियों ने सोमवार से धरना शुरू किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिसम्बर 2015 को 1100 याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति का आदेश दिया था, जिसे सरकार ने पूरा किया। उनका दावा है कि 24 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी नए याचियों की नियुक्ति प्रक्रिया 10 हफ्ते में पूरा करने का निर्देश दिया। छह हफ्ते बीतने के बावजूद जब कुछ नहीं हुआ तो 12 अप्रैल को याचिकाकर्ताओं ने नियुक्ति की मांग को लेकर धरना दिया। बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन को ज्ञापन भी सौंपा, जिस पर बेसिक शिक्षा सचिव ने नियुक्ति प्रक्रिया जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया था।इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। इससे आक्रोशित प्रदेश के विभिन्न जिलों से पहुंचे एक हजार से अधिक बेरोजगार सोमवार को निदेशालय पर इकट्ठा हुए और तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। बेरोजगारों को बरगला रहे नेता 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट के समय-समय पर दिए निर्देशों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी याचिकाकर्ताओं को नौकरी देने संबंधी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए है लेकिन इस बात को सर्वाधिक प्रचारित किया जा रहा है।


खबर साभार :  हिन्दुस्तान

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सरकारी नौकरी के लालच में पिट रहे बीएड-टीईटी वाले : सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की गलत व्याख्या से बिगड़े हालात, बिना आधार सिर्फ दबाव बनाकर नौकरी पाने की है जिद Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:30 AM Rating: 5

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