‘पढ़ने के साथ मनोरंजन भी जरूरी’ : भारत सरकार अब बच्चों के लिए खेल-कूद और मनोरंजन सुनिश्चित करने के लिए गंभीर, पहली बार ‘बच्चों के लिए राष्ट्रीय मनोविनोद नीति’ तैयार की जा रही
नई दिल्ली : दुनिया में बच्चों की सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में सरकार अब उनके खेल-कूद और मनोरंजन सुनिश्चित करने में भी जुट गई है। इसके लिए विकसित देशों की तर्ज पर अपने यहां भी पहली बार ‘बच्चों के लिए राष्ट्रीय मनोविनोद नीति’ तैयार की जा रही है। इसके तहत मनोरंजक गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा जाएगा। साथ ही मनोरंजक गतिविधियां आयोजित करने वालों के लिए मानक भी तय किए जाएंगे।
केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘बच्चों के लिए राष्ट्रीय मनोविनोद नीति’ का अवधारणा पत्र तैयार कर इस पर इसी हफ्ते विभिन्न मंत्रलयों के साथ चर्चा की गई है। इस पर आगे की चर्चा के लिए केंद्रीय महिला और बाल कल्याण मंत्रलय ने 26 सदस्यों का एक विशेषज्ञ समूह बनाया है। इसमें केंद्र के विभिन्न मंत्रलयों के अलावा इस क्षेत्र में सक्रिय विभिन्न गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
आयरलैंड की नीति पर भी नजर : बाल अधिकार पर संयुक्त राष्ट्र समझौते और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 (एफ) को आधार बनाकर यह नीति तैयार की जा रही है। विभिन्न विकसित देशों की नीतियों का भी अध्ययन किया जा रहा है। इसमें सबसे खास आयरलैंड है, जहां ‘रेडी, स्टेडी, प्ले’ नाम से राष्ट्रीय नीति तैयार कर बच्चों को खेल-कूद और मनोरंजन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
आयोजकों के लिए भी मानक : इसमें खास तौर पर इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि बच्चों के मनोरंजन से जुड़ी गतिविधियां आयोजित करने वालों के लिए मानक तय हों।
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