बीएलओ ड्यूटी से सहारनपुर के  बेसिक शिक्षकों में उपजा आक्रोश,  प्रदेशीय नेतृत्वों पर विधान परिषद में सीट मांगने का बनाया दबाव, बेसिक शिक्षक अब माध्यमिक शिक्षकों  के नहीं रहेंगे पिछलग्गू

सहारनपुर : प्रदेश में पांच लाख से अधिक बेसिक शिक्षकों का परिवार सरकार की उपेक्षा से आजिज आ चुका है। बीएलओ ड्यूटी से माध्यमिक शिक्षकों को मुक्त रखने के फैसले से बेसिक शिक्षकों में आक्रोश की ज्वाला धधक उठी है। बेसिक शिक्षकों का विधान परिषद में प्रतिनिधित्व न होने के कारण जिला प्रशासन भी उन्हें नजरअंदाज करता रहा है जबकि माध्यमिक शिक्षक संघ कम संख्या बल के बावजूद हमेशा से प्रशासन पर भारी पड़े है।उधर बेसिक शिक्षकों का प्रदेश नेतृत्व जल्द ही मामले पर रणनीति की घोषणा कर सकता है।

अपने लिए सत्ता की सीढ़ियां तैयार करने वाले राजनैतिक दल निजी स्वार्थों की खातिर हमेशा नए-नए शिगूफे छोड़ते रहे है। बेसिक शिक्षकों की माने तो कुछ हद तक यह बात विधान परिषद में शिक्षक दल के विधायकों पर भी सटीक बैठती है। प्रदेश में माध्यमिक शिक्षकों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक तथा बेसिक शिक्षकों की संख्या पांच लाख से अधिक है। इसके बावजूद उनके लिए सीटें आरक्षित नही है। हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के वृहद् पुनरीक्षण प्रक्रिया में बेसिक शिक्षकों को बीएलओ बनाया गया। जिला प्रशासन के फैसले से इन शिक्षकों में आक्रोश की ज्वाला धधक उठी है। इनका कहना है कि स्नातक सीट पर उनके वोट लेने वाले सभी प्रत्याशी चुप्पी क्यों साधे है।

माध्यमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने पर ही वे क्यों हायतौबा करते है? नाराज शिक्षकों ने यह मामला संघ नेताओं के समक्ष भी उठाया है।

अनेक शिक्षकों ने विधान परिषद में बेसिक शिक्षकों को प्रतिनिधित्व दिलाए जाने की मांग की है। उनकी भावनाओं से वह जल्द ही प्रदेश नेतृत्व को अवगत कराएंगे।~संदीप सिंह पंवार, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

एसोसिएशन इसके लिए काफी पहले से प्रयासरत है। मांगपत्र में भी बेसिक शिक्षकों को विधान परिषद में प्रतिनिधित्व देने की मांग शामिल है। केवल इसी मांग के पूरा होने से शिक्षक समस्याओं का समाधान प्रभावी ढंग से हो सकेगा।~ राजकुमार चौधरी, जिलाध्यक्ष विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन

संगठन स्तर पर काफी समय से बेसिक शिक्षकों को विधान परिषद में सीटें देने का मामला उठता रहा है। हालांकि इस बाबत कोई आंदोलन नही किया गया। कई जिलों से शिक्षकों को बीएलओ बनाने से उनकी नाराजगी सामने आई है। 19-20 जून को होने वाली प्रदेशीय बैठक में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। ~ जबर सिंह यादव, प्रदेश महामंत्री उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ।

मौजूदा विधान परिषद सदस्य -10
विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र 38
स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्र 36
शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र 08
स्नातक निर्वाचन क्षेत्र 08
मनोनीत 10

बीएलओ ड्यूटी से सहारनपुर के  बेसिक शिक्षकों में उपजा आक्रोश,  प्रदेशीय नेतृत्वों पर विधान परिषद में सीट मांगने का बनाया दबाव, बेसिक शिक्षक अब माध्यमिक शिक्षकों  के नहीं रहेंगे पिछलग्गू Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 9:48 AM Rating: 5

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