आगरा विवि में बीएड के हर सत्र में हुआ फर्जीवाड़ा, सभी जिलों के बीएसए को भेज गया ब्यौरा, हजारों शिक्षकों पर होगा मुकदमा
अंक चार्ट में नंबर बढ़ाने के साथ किए रोल नंबर जनरेट, फंसने के डर से बीएड का सत्यापन करने से बच रहे कर्मचारी
आगरा : अंबेडकर विवि में बीएड के हर सत्र में फर्जीवाड़ा हुआ है। विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच में बीएड सत्र 2005 में 5186 फर्जी छात्र सामने आए हैं। इसी तरह अन्य सत्रों की जांच होने पर बीएड का बड़ा फर्जीवाड़ा खुल सकता है।
विवि के बीएड सत्र 2005 में बड़े स्तर पर रोल नंबर जनरेट (बिना परीक्षा दिए मार्कशीट देना) किए गए। वहीं, चार्टो में छात्रों के नंबर बढ़ाए गए हैं। बीएड 2005 के बाद हर सत्र के अंक चार्ट में फर्जीवाड़ा किया गया। एक से डेढ़ लाख रुपये में ठेका लेकर फर्जी छात्रों को मार्कशीट बांटी गईं। इससे सैकड़ों छात्र सरकारी शिक्षक बन गए हैं, फर्जीवाड़े में फंसने के डर से कर्मचारी बीएड की मार्कशीट का सत्यापन नहीं कर रहे हैं।
एसआइटी ने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की आशंका जताते हुए बीएड के सभी सत्रों की जांच कराने के लिए कहा है। कुलसचिव केएन सिंह का कहना है कि सत्र 2005 में कार्रवाई होने के बाद अन्य सत्रों की जांच पर विचार किया जाएगा।
परीक्षाफल के बाद बढ़ाए नंबर : बीएड सत्र 2012 में परीक्षाफल घोषित होने के बाद नंबर बढ़ाए गए। अनुपस्थित छात्रों के अंक चार्ट में नंबर दर्ज कर दिए गए। एक छात्र का मामला सामने आने के बाद जांच कराई गई, तो विवि ने नंबर बढ़ाने की शिकायत को सही माना, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी बताते हुए मामला दबा दिया।
सत्र 2013 में फर्जी छात्रों ने दी परीक्षा : बीएड सत्र 2013 में प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए बिना ही छात्रों की परीक्षाएं दिलवा दी गई। मीडिया में मामला आने के बाद सात हजार छात्रों का परीक्षाफल रोक दिया गया। अब इन छात्रों का परीक्षाफल घोषित करने की तैयारी चल रही है, जबकि इसमें से तमाम छात्र फर्जी हैं।
एसआइटी की जांच में सामने आया है कि करीब 2500 सरकारी शिक्षकों को अंबेडकर विवि की मार्कशीट से नौकरी मिली है। इनका ब्योरा प्रदेश के सभी जिलों के बीएसए को भेजा गया है। उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद फर्जी मार्कशीट से नौकरी लेने वाले शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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