सातवां वेतनमान लागू करने से पहले पदोन्नति पर आरक्षण प्राप्त दलित शिक्षकों को रिवर्ट या वेतन फ्रीज किए जाने की आशंका पर समर्थकों का विरोध, निदेशक को सौंपा ज्ञापन
लखनऊ : सातवां वेतनमान लागू करने के नाम पर प्रदेश के करीब दो लाख शिक्षकों को रिवर्ट किए जाने की आशंका पर आरक्षण समर्थक विरोध में आ गए हैं। इसे लेकर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा को ज्ञापन सौंपा और आंदोलन की चेतावनी दी। आरक्षण समर्थकों ने बताया कि निदेशक ने उन्हें आचार संहिता के दौरान ऐसी कार्रवाई न होने का आश्वासन दिया है।
संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा ने बेसिक शिक्षा निदेशक को बताया कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद कई जिलों में सातवां वेतनमान लागू किए जाने के बहाने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में दलित शिक्षकों का वेतन फ्रीज करने के लिए उन्हें रिवर्ट कराने की तैयारी की जा रही है। समिति का कहना था कि प्रदेश के लगभग सभी जिलों में 90 फीसद दलित शिक्षकों की पदोन्नति आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा-3(2) में बैकलॉग के तहत की गई है। यह पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परिधि में नहीं आती और ऐसे में पदोन्नति के तहत यदि उनका वेतन बढ़ रहा है तो वह उनका संवैधानिक अधिकार है।
समिति के संयोजक ने निदेशक को बताया कि एक हफ्ते पहले अंबेडकर नगर व मुरादाबाद में गलत रिवर्शन की कार्यवाही पर रोक लगी तो अब उन्नाव सुलतानपुर और रायबरेली में इस तरह की कार्यवाही फिर शुरू कर दी गयी है।
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