अनुदेशक शिक्षकों को 2019 तक नियमित करने का आश्वासन, सीएम बोले, मानदेय संबंधी मामलों पर भी लेंगे निर्णय
अंशकालिक उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षकों के मंडल ने गुरुवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को अपना मांगपत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल की अगुवाई में अनुदेशक सीएम आवास मार्ग पर बड़ी संख्या में जुटे। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि मंडल को सीएम से मुलाकात का बुलावा आ गया।
⚫ ये हैं मांगें:
• अनुदेशक शिक्षकों को उनके ही पद पर नियमित किया जाए।
• नियमित होने तक किसी भी अनुदेशक को कक्षा में छात्रों की संख्या 100 से कम होने पर हटाया न जाए।
• अनुदेशकों को उनके गृह विकास खंड के रिक्त पदों पर स्थानांतरित किया जाए।
• अनुदेशकों को पूरे 12 महीने का मानदेय दिया जाए।
• कार्यरत महिला अनुदेशकों को मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाए।
• अनुदेशकों का स्वतः नवीनीकरण की व्यवस्था लागू की जाए।
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⚫ संविदा पर कार्यरत पूर्व माध्यमिक अनुदेशकों ने स्थायित्व और मानदेय बढ़ोत्तरी की मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, घेरा राज्य परियोजना कार्यालय
तेजस्वी की अगुआई में भोलानाथ पाण्डेय, विक्रम सिंह, महेन्द्र पाठक, अमिताभ वर्मा ने सीएम से मुलाकात की। सीएम ने आश्वस्त दिया कि 2019 तक नियमितीकरण हो जाएगा। मानदेय सम्बंधी मामलों के लिए प्रमुख सचिव स्तरीय बैठक में निर्णय लिया जाएगा। इस आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने सीएम के जयकारे लगाए। सीएम से मुलाकात से पहले प्रदर्शन को फैसल, महेंद्र पाठक, अनूप राय, अनिल कुमार यादव, प्रियंक मिश्रा, माधुरी गुप्ता, विशाल श्रीवास्तव, जितेंद्र यादव, धीरेंद्र प्रताप सिंह, संदीप सिंह सहित अन्य अनुदेशकों ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा करती है तो इससे प्रदेश के 33000 अनुदेशक शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
उधर पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति के बैनर तले गुरुवार को निशातगंज स्थित राज्य परियोजना कार्यालय में अनुदेशकों ने प्रदर्शन किया। इसकी अगुआई कर रहे समिति के प्रदेश अध्यक्ष राकेश पटेल ने हजरतगंज स्थित बीजेपी मुख्यालय पर भी ज्ञापन सौंपा।
बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल से मुलाकात के बाद अनुदेशकों को आश्वासन मिला कि किसी भी अनुदेशक को बेरोजगार नहीं किया जाएगा। पटेल ने बताया कि अनुदेशकों को बाद में 8470 रुपये प्रतिमाह दिया जाने लगा। अब यह 9317 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। 17000 रुपये प्रतिमाह का प्रस्ताव अभी लम्बित है।
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