समायोजित शिक्षामित्रों की मूल पदों पर वापसी की तैयारी, मानदेय बढ़ाकर 10 हजार करने के प्रस्ताव सहित वेटेज के प्रस्ताव पर आज लग सकती है कैबिनेट की मोहर
लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार शिक्षक पद पर समायोजित किये गए 1.37 लाख शिक्षामित्रों को पहली अगस्त 2017 से उनके मूल पद पर वापस करने जा रही है। शिक्षक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों को उनके मूल पद पर वापस करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती में वेटेज देने के लिए भी नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव है।
अखिलेश सरकार ने वर्ष 2014 में स्नातक उत्तीर्ण और दूरस्थ शिक्षा विधि से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण पूरा करने वाले शिक्षामित्रों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देते हुए प्राथमिक शिक्षकों के पदों पर समायोजित करने का फैसला किया था। शिक्षामित्रों को शिक्षकों के पद पर समायोजित के लिए 19 जून, 2014 को शासनादेश जारी किया गया था। प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में तैनात 1.37 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन हो चुका था जब हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को गलत ठहराते हुए समायोजन को रद कर दिया था। बीती 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए उनके समायोजन को रद करने का निर्णय सुनाया था।
समायोजित शिक्षामित्रों की मूल पदों पर वापसी की तैयारी, मानदेय बढ़ाकर 10 हजार करने के प्रस्ताव सहित वेटेज के प्रस्ताव पर आज लग सकती है कैबिनेट की मोहर
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1
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6:28 AM
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