69000 : फिर काउंसिलिंग के पहले दिन लग गई कोर्ट की रोक, सात साल पुरानी घटना फिर गयी दोहराई
69000 : फिर काउंसिलिंग के पहले दिन लग गई कोर्ट की रोक, सात साल पुरानी घटना फिर गयी दोहराई
तीसरी बार काउंसिलिंग के समय रोकी गयी शिक्षक भर्ती
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों के लिए 69000 सहायक अध्यापक भर्ती की ही काउंसिलिंग ऐन वक्त पर नहीं रोकी गई है, इल्कि परिषद की दो और भर्तियां इसी तरह से हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर प्रभावित हो चुकी हैं। उसमें से 12460 शिक्षक भर्ती में अब तक सभी पदों के सापेक्ष चयन पूरा नहीं हो सका है। हालांकि इन भर्तियों में प्रश्नों के जवाब पर विवाद नहीं था, क्योंकि उस समय चयन शैक्षिक मेरिट के अंकों पर हो रहा था।
69000 शिक्षक भर्ती काउंसिलिंग के समय रोकी जाने वाली ऐसी पहली भर्ती है, जिसमें परीक्षा के प्रश्नों के जवाब पर विवाद हुआ। इसके पहले 68500 शिक्षक भर्ती में उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में गड़बड़ी जरूर सामने आई और सीबीआई जांच तक के आदेश हुए लेकिन, चयनितों की काउंसिलिंग तय समय पूरी हो गई थी, हालांकि दूसरे दौर में चयन में समय लगा।
इसके पहले परिषदीय स्कूलों में 15000 शिक्षक भर्ती का शासनादेश नौ दिसंबर 2014 को जारी हुआ था, इसके बाद परिषद ने तीन बार आवेदन लिये । चौथी बार कोर्ट के आदेश पर आवेदन लिए गए और एक फरवरी 2016 से काउंसिलिंग कराकर पांच फरवरी को नियुक्ति पत्र वितरित करना था। दो दिन पहले हाईकोर्ट के आदेश पर काउंसिलिंग स्थगित कर दी गई।
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इसी तरह 12460 शिक्षक भर्ती के लिए 20 दिसंबर 2016 को परिषद सचिव ने चयन की गाइडलाइन जारी की। उस समय बीटीसी 2012 व 2013 के अभ्यर्थियों के क्वालिटी प्वाइंट मार्क्स की गणना अलग अलग की जा रही थी। कोर्ट ने अभ्यर्थियों की याचिका पर क्वालिटी प्वाइंट तय होने तक काउंसिलिंग रोक दी। इसी भर्ती में दूसरी बार शून्य जिला मामले को लेकर काउंसिलिंग पर रोक लगाईगई।
प्रयागराज | 04 Jun 2020
69000 सहायक अध्यापक भर्ती के लिए काउंसिलिंग के पहले दिन हाईकोर्ट से लगी रोक ने सात साल पुरानी घटना फिर दोहरा दी। ठीक इसी प्रकार 4 फरवरी 2013 को एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती की काउंसिलिंग शुरू होने के पहले दिन हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। वही रोक 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का टर्निंग प्वाइंट साबित हुई और बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गई।
पुनरावृत्ति
उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में आरटीई लागू होने के बाद 30 नवंबर 2011 को मायावती सरकार में टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू हुई थी। बाद में टीईटी में धांधली के आरोप लगे और तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को फरवरी 2012 में जेल तक जाना पड़ा।
इस बीच यूपी में सरकार बदल गई और तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर प्रकरण की जांच करवाई। कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति का निर्णय लिया और दिसंबर 2012 में एकेडमिक रिकॉर्ड के आधार पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती नये सिरे से शुरू की गई।
ऑनलाइन आवेदन लेने के बाद 4 फरवरी 2013 से सभी जिलों में काउंसिलिंग शुरू हुई और उसी दिन नवीन कुमार श्रीवास्तव और अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने एकेडमिक मेरिट पर हो रही भर्ती रोक दी थी। इसके बाद लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर टीईटी मेरिट पर 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती पूरी हुई।
69000 : फिर काउंसिलिंग के पहले दिन लग गई कोर्ट की रोक, सात साल पुरानी घटना फिर गयी दोहराई
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:08 AM
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