कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के सघन निरीक्षण कराए जाने के संबंध में आदेश और जांच के बिंदु जारी , देखें
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के सघन निरीक्षण कराये जाने के सम्बन्ध में
क्यों स्कूल नहीं जा रही कस्तूरबा की छात्राएं, परिजन देंगे जवाब, हर महीने होगा कस्तूरबा विद्यालयों का निरीक्षण
कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में अब लापरवाही नहीं चलेगी। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य और मंडलीय सहायक निदेशक (एडी) हर माह विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। 15 दिन से अधिक समय से अनुपस्थित छात्राओं के परिवारजनों से बात कर कारण भी जानेंगे। निर्धारित फार्मेट पर शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने इस आशय का पत्र डायट प्राचार्यों तथा मंडलीय सहायक निदेशकों को पत्र जारी किया है। शासन की तरफ से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की निगरानी और सख्त करने की कवायद तेज हो गई है।
विद्यालयों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य और मंडलीय सहायक निदेशक हर माह निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखेंगे। अधिकारी विद्यालय में 15 दिन से अधिक समय से अनुपस्थित छात्राओं के परिवारजनों से बात कर कारण भी जानेंगे। कई कस्तूरबा विद्यालयों में कक्षा 12 तक उच्चीकृत किए जा रहे हैं।
इन विद्यालयों में कई गड़बड़ियां सामने आने पर डायट प्राचार्य को सप्ताह में एक और महीने में चार विद्यालयों के निरीक्षण करेंगे। इसके साथ ही डायट की टीम हर महीने जिले के सभी कस्तूरबा विद्यालय और डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता प्रवक्ता और मेंटर्स अपने ब्लॉक के विद्यालयों का महीने में दो बार औचक निरीक्षण करेंगे.
हर महीने में महिला कर्मचारियों की टीम रात में निरीक्षण करेगी। वहीं मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को हर माह अपने मंडल के अंतर्गत जिले के न्यूनतम दो विद्यालयों की व्यवस्थाएं परखनी होंगी। छात्रावास, किचन, स्टोर समेत छात्राओं के भोजन, स्टेशनरी, कपड़े, सेनेटरी पैड समेत अन्य वस्तुओं की भी जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर डीएम को सूचना देनी होगी।
कक्षा 12 तक उच्चीकृत किए जा रहे कई केजीबीवी में हॉस्टल और एकेडेमिक ब्लॉक के निर्माण की गुणवत्ता जांच करेंगे। निरीक्षण की रिपोर्ट हर महीने की 25 तारीख तक महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में देनी होगी। प्रेरणा पोर्टल के जरिए समीक्षा, विद्यालय की स्थिति का भौतिक सत्यापन, शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन का भी परीक्षण किया जाएगा।
डायट प्राचार्य और एडी बेसिक हर माह करें कस्तूरबा विद्यालयों का निरीक्षण, DGSE का निर्देश
लखनऊ। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की निगरानी और सख्त करने के निर्देश दिए हैं। विद्यालयों में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य और मंडलीय सहायक निदेशक (एडी) हर माह निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखेंगे। अधिकारी विद्यालय में 15 दिन से अधिक समय से अनुपस्थित छात्राओं के परिजनों से बात कर कारण भी जानेंगे।
प्रदेश के 746 केजीबीवी में गरीब और अनुसूचित जाति की बेटियों को मुफ्त शिक्षा के साथ आवास की सुविधा दी जाती है। कुछ विद्यालय कक्षा 12 तक उच्चीकृत किए जा रहे हैं। इन विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति समेत अन्य गड़बड़ियां सामने आने पर महानिदेशक ने डायट प्राचार्य को सप्ताह में एक और महीने में चार विद्यालयों के निरीक्षण के निर्देश दिए हैं।
डायट की टीम हर महीने जिले के सभी केजीबीवी और डायट के वरिष्ठ प्रवक्ता प्रवक्ता और मेंटर्स अपने ब्लॉक के विद्यालयों का महीने में दो बार औचक निरीक्षण करेंगे। हर महीने में महिला कर्मचारियों की टीम रात में निरीक्षण करेगी।
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को हर माह अपने मंडल के अंतर्गत जिले के न्यूनतम दो विद्यालयों की व्यवस्थाएं परखनी होंगी। छात्रावास, किचन, स्टोर समेत छात्राओं के भोजन, स्टेशनरी, कपड़े, सेनेटरी पैड समेत अन्य वस्तुओं की भी जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलने पर डीएम को सूचना देनी होगी।
कक्षा 12 तक उच्चीकृत किए जा रहे कुछ केजीबीवी में हॉस्टल और एकेडमिक ब्लॉक के निर्माण की गुणवत्ता भी देखने के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण की रिपोर्ट हर महीने की 25 तारीख तक महानिदेशक कार्यालय में देनी होगी। प्रेरणा पोर्टल के जरिये समीक्षा, विद्यालय की स्थिति का भौतिक सत्यापन, शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन का भी परीक्षण किया जाएगा।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के सघन निरीक्षण कराए जाने के संबंध में आदेश और जांच के बिंदु जारी , देखें
कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं की उपस्थिति की मॉनिटरिंग न करने पर 38 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब
लखनऊ। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की छात्राओं की उपस्थिति की मॉनिटरिंग न करने पर 38 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा है कि छात्राओं की उपस्थिति एक महत्वपूर्ण इण्डीकेटर है।
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