डायस पोर्टल के माध्यम से आटोमेटेड परमानेन्ट एकेडमिक एकाउन्ट रजिस्ट्री (APAAR) आई0डी0 सृजन किए जाने के संबंध में

निजी व सरकारी विद्यालयों में अपार आईडी बनाने को लगा रहे कैंप, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर होगी समीक्षा

सरकारी स्कूलों में 52 फीसदी की नहीं बनी अपार आईडी

लखनऊ। प्रदेश में निजी व सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने की गति काफी धीमी है। सरकारी स्कूलों में अभी 52 फीसदी विद्यार्थियों की आईडी नहीं बनी है। अब इसके लिए हर हफ्ते दो दिन कैंप लगाया जा रहा है।

प्रदेश में विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाने की कवायद काफी समय से चल रही है। पर, जिला स्तरीय अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं, तकनीकी दिक्कतें भी बाधा बन रही हैं। शिक्षकों के अनुसार अपार आईडी बनाने में विद्यार्थियों के यू डायस, आधार कार्ड व विद्यालय का एसआर रजिस्टर पर उपलब्ध डाटा मैच नहीं कर रहा है। नतीजतन अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पा रही है।

पिछले दिनों विभागीय समीक्षा में पता चला था कि सरकारी विद्यालयों में बेसिक स्तर पर कई जिलों में 71 फीसदी तक विद्यार्थियों की अपार आईडी नहीं बनी है। माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति और भी खराब है। यहां पर कई जिलों में 93 फीसदी तक आईडी नहीं बनी है। इस तरह बेसिक व माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में कुल 52 फीसदी विद्यार्थियों की ही अपार आईडी बनी है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर हर हफ्ते बृहस्पतिवार व शुक्रवार को अपार मेले का आयोजन कराते हुए इसमें गति लाने को कहा है। वहीं, पांच फरवरी को प्रदेश स्तर पर समीक्षा करने की भी तिथि तय की है। इसके बाद जिलों में बीएसए और डीआईओएस ने सख्ती भी शुरू कर दी है।



तेजी लाने को स्कूलों में गुरुवार और शुक्रवार को लगेगा ‘अपार मेला’, महानिदेशक का फरमान 

लखनऊ । प्रदेश में बच्चों की अपार आईडी तेजी से बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी जिलों के डीएम को पत्र भेज कर सभी स्कूलों के शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं की आईडी बनाने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए हैं।इसके लिए स्कूलों में प्रत्येक गुरुवार-शुक्रवार को अपार मेला का आयोजन होगा। 05 फरवरी तक इसे पूरा करने के भी निर्देश दिए गए हैं।



निजी स्कूलों में 89% छात्रों की नहीं बनी अपार आईडी, महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने जताई नाराजगी, विशेष कैंप लगाने के निर्देश

लखनऊ। शिक्षा मंत्रालय की पहल पर प्रदेश के निजी व सरकारी विद्यालयों के छात्रों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार आईडी) बनाई जा रही है। पर, निजी स्कूल इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। हालत यह है कि काफी कवायद के बाद भी निजी स्कूलों के 89 फीसदी छात्रों की अपार आईडी नहीं बनी है।

निजी विद्यालयों में बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त 77816 लगभग 94 लाख बच्चे नामांकित हैं। पर, अपार आईडी सिर्फ 9.6 लाख छात्रों की ही बनी है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त 25346 निजी विद्यालयों में करीब 99 लाख विद्यार्थी नामांकित हैं। इसमें से अपार आईडी 12 लाख छात्रों की ही बनी है। यहां पर 87.62 फीसदी छात्रों की आईडी अभी नहीं बनी है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए सभी डीआईओएस व बीएसए को समीक्षा कर इसमें सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। वे खुद पांच फरवरी को स्थिति की समीक्षा करेंगी। उन्होंने अपार आईडी बनवाने के लिए स्कूलों में बृहस्पतिवार व शुक्रवार को विशेष कैंप लगाने के भी निर्देश दिए हैं। अपार आईडी बनाने की कवायद इसलिए शुरू की गई है ताकि किसी भी छात्र की एक बार आईडी बन जाए तो आगे पूरी पढ़ाई में वह इसका प्रयोग कर सके। 



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