प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवनों / परिसरों के ऊपर से जा रहे हाई टेंशन विद्युत लाइन के हटाये जाने के सम्बन्ध में

सात हजार स्कूलों के ऊपर से हटेंगे बिजली के तार, बेसिक शिक्षा विभाग ने नए सत्र के लिए भेजा 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव

13 फरवरी 2025
लखनऊ । प्रदेश में सात हजार से अधिक विद्यालयों के ऊपर से बिजली के तार गए हुए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने सर्वे कराकर इन तारों को हटवाने के लिए एस्टीमेट तैयार कराया है। इसी आधार पर विभाग ने सरकार को नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है।

पिछले काफी समय से परिषदीय विद्यालयों के ऊपर या आसपास से गए बिजली के तारों को हटवाने की कवायद चल रही है। पर, यह मामला बिजली और बेसिक शिक्षा विभाग के बीच झूलता रहा। अब दोनों विभागों ने मिलकर इसके समाधान की कवायद शुरू की है। ऐसे 7,494 विद्यालयों को चिह्नित किया है।

बेसिक शिक्षा विभाग को अब तक पांच हजार विद्यालयों का एस्टीमेट मिल गया है। शेष की प्रक्रिया जारी है। इसी आधार पर विभाग ने बिजली के तार हटवाने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव नए वित्तीय वर्ष के लिए भेजा गया है। विभाग ने वित्त विभाग से कहा है कि या तो वह इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग को बजट दे या अलग से इसके लिए प्रावधान करे।

बिजली कनेक्शन के लिए भी चल रहा अभियान

ग्रामीण क्षेत्र के काफी विद्यालयों में बिजली नहीं होने से विद्यार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। इसके मद्देनजर अभियान चलाकर विद्यालयों में बिजली कनेक्शन करवाया जा रहा है। 



बेसिक शिक्षा विभाग अपने खर्चे पर हटाएगा बिजली के खतरनाक तार, सरकारी स्कूलों के ऊपर से दौड़ रहीं हाईटेंशन की लाइनें हटेंगी

28 जनवरी 2025
🔴 बेसिक शिक्षा अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश

🔴 लाइनों की शिफ्टिंग या हटाने पर खर्चों का ब्योरा मांगा

🔴 37 जिलों के 3938 प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी स्कूलों से लाइनें गुजर रहीं

🔴 39 जिलों के 2709 माध्यमिक विद्यालयों के ऊपर दौड़ रहीं एचटी-एलटी लाइनें


लखनऊ । बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेशभर में प्राइमरी एवं अपर प्राइमरी स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली बिजली की हाई टेंशन अथवा लो टेंशन (एचटी/एलटी) लाइनों को अपने खर्चे पर हटवाएगा। खतरे का कारण बनती जा रही इन लाइनों को हटाने के लिए बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग विद्युत विभाग से लगातार अनुनय-विनय करता रहा लेकिन बात इस कार्य पर होने वाले खर्चे पर आकर अटकती रही।

इस दौरान शासन स्तर से भी कई बार दोनों विभागों के बीच मध्यस्थता कर सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश की गई लेकिन भारी खर्चे की वजह से दोनों विभाग इस कार्य पर अटकते रहे। आजिज आकर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में परिषदीय प्राइमरी-अपर प्राइमरी स्कूलों के ऊपर से गुजरने वाली लाइनों को अपने खर्चे पर हटाने का निर्णय किया है। 

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर तत्काल इस दिशा में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा निदेशक की ओर से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के नाम एक सर्कुलर जारी कर एक प्रोफार्मा भी जारी किया गया है, जिसमें बेसिक शिक्षा अधिकारियों को उनके जिले में ऐसे स्कूलों की संख्या भरने को कहा गया है, जिन स्कूलों के ऊपर से एचटी/एलटी लाइनें गुजरती हैं।

साथ ही एचटी/एलटी लाइनों की शिफ्टिंग या हटाने पर आने वाले खर्चों का ब्यौरा देने को कहा गया है। दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि विभाग के इस निर्णय का बड़ा बजट इस कार्य में व्यय हो जाएगा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि जिन स्कूलों के ऊपर से बिजली की लाइनें गुजर रहीं हैं, वे सभी पुराने स्कूल हैं जहां इस तरह की समस्याएं अभी भी बरकरार हैं।


नए नियम से तो मान्यता ही नहीं दी जा सकती

स्कूलों को मान्यता दिए जाने के नए नियम के अनुसार अगर विद्यालय भवन या परिसर के ऊपर से बिजली की तार गुजर रही है, तो ऐसी दशा में उस स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती। यह मानक मान्यता के शीर्ष पांच मानकों में से एक है।


इन प्रमुख जिलों में अधिक है ऐसे स्कूलों की संख्या

फिरोजाबाद, आगरा, सुलतानपुर, आजमगढ़, गोण्डा, बहराइच, बुलंदशहर, चित्रकूट, हमीरपुर, एटा, मुजफ्फरनगर, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी तथा मुरादाबाद।



प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवनों / परिसरों के ऊपर से जा रहे हाई टेंशन विद्युत लाइन के हटाये जाने के सम्बन्ध में


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