उ0प्र0 विद्यालय मानक प्राधिकरण के अन्तर्गत स्कूल गुणवत्ता स्व-मूल्यांकन पायलट प्रोजेक्ट योजना के क्रियान्वयन के संबंध में।
स्कूलों को हर हाल में 20 जनवरी तक देनी होगी स्व मूल्यांकन रिपोर्ट
सरकारी माध्यमिक, प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों को गुणवत्ता की स्व मूल्यांकन रिपोर्ट 20 जनवरी तक देनी होगी। स्कूल गुणवत्ता स्व मूल्यांकन पायलेट प्रोजेक्ट योजना के तहत इनकी गुणवत्ता और उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रयोग की जानकारी ली जाएगी।
उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों की जांच करेगा। विद्यालय बेहतरी के लिए आगे बढ़ें और स्वयं अपनी स्थिति की समीक्षा कर सुधार करें इसके लिए यह कदम उठाया गया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालय अपने प्रदर्शन में सुधार लाएं। राज्य स्तर से यह प्राधिकरण सभी सरकारी स्कूलों की जांच करेगा। सभी जिलों में माध्यमिक स्कूलों से आनलाइन फार्म जिला विद्यालय निरीक्षक और परिषदीय प्राथमिक स्कूलों से फार्म जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भरवाएंगे। फिलहाल सुधार के लिए स्कूलों में यह कदम उठाए जा रहे हैं इसकी समीक्षा भी जिला स्तर पर होगी।
स्कूलों के रिजल्ट में सुधार, गुणवत्तापरक शिक्षा और नव प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। संसाधन होने के बावजूद भी उसका उपयोग न करने वाले स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा।
शासन ने सभी स्कूलों की प्रगति रिपोर्ट मांगी, उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण करेगा आकलन
उप्र विद्यालय मानक प्राधिकरण परखेगा यूपी के स्कूलों की गुणवत्ता
लखनऊ : सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की गुणवत्ता को उत्तर प्रदेश विद्यालय मानक प्राधिकरण परखेगा। छात्रों को सरकारी योजनाओं का कितना लाभ मिल रहा है और उन्हें अच्छी शिक्षा दी जा रही है या नहीं, इस पर वह अपनी रिपोर्ट देगा। यह प्राधिकरण विद्यालयों पर पूरी नजर रखेगा। 20 जनवरी तक सभी स्कूलों से स्वयं की प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है। फिर उनका मूल्यांकन व सत्यापन किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गुणवत्ता की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट दें। छात्रों को उनके लिए लागू की गई योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ दिलवाएं। अगर कोई विद्यालय छात्रों को योजनाओं के लाभ नहीं दिला पा रहा है तो उसकी जांच की जाएगी। जिम्मेदार प्रधानाध्यापक और शिक्षाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि समय सारिणी के अनुसार विद्यालयों में कक्षाएं लगाई जाएं और समय पर कोर्स पूरा कराया जाए।
प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक विद्यालयों की विभिन्न सुविधाओं व व्यवस्थाओं की गुणवत्ता का होगा मूल्यांकन
लखनऊ। प्रदेश के माध्यमिक व बेसिक विद्यालयों की विभिन्न सुविधाओं व व्यवस्थाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन होगा। यह उप्र. विद्यालय मानक प्राधिकरण के तहत स्व मूल्यांकन होगा। इसके माध्यम से देखा जाएगा कि विभाग में लागू योजनाओं का कितना असर है।
पहले चरण में यह पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हो रहा है। आगे इसे और विस्तृत किया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस व बीएसए को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।
दरअसल, पिछले दिनों हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा ने सभी सरकारी माध्यमिक व प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्कूल गुणवत्ता स्व-मूल्यांकन पायलट प्रोजेक्ट लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद निदेशक ने इस योजना का प्रचार करते हुए 20 जनवरी तक गूगल फॉर्म पर निर्धारित जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
उ0प्र0 विद्यालय मानक प्राधिकरण के अन्तर्गत स्कूल गुणवत्ता स्व-मूल्यांकन पायलट प्रोजेक्ट योजना के क्रियान्वयन के संबंध में।
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:52 AM
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