परिषदीय स्कूलों की सीटें भरने पर ही निजी में दाखिला : बीते साल 60 गरीब बच्चों को मिला लाभ

  • परिषदीय स्कूलों की सीटें भरने पर ही निजी में दाखिला
  • विधानसभा में सवाल पर बोले बेसिक शिक्षा मंत्री
  • कहा- बीते साल 60 गरीब बच्चों को मिला लाभ
  • परिषदीय स्कूलों के जर्जर भवनों को मानक के अनुसार बनवाने का दिया आश्वासन
लखनऊ (ब्यूरो)। सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में साफ किया कि परिषदीय स्कूलों में सीटें भरने के बाद ही निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। अगर बिना किसी प्रतिबंध के निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले की अनुमति दी जाती है तो इसका कोई फायदा नहीं होगा। भाजपा के सुरेश खन्ना, मनीष असीजा व बसपा के नीरज कुशवाहा के एक सवाल के जवाब में बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने यह जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत आस-पड़ोस के गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में दुर्बल वर्ग के कम से कम 25 प्रतिशत बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है। 2013-14 में कुल 60 बच्चे इस योजना से लाभान्वित हुए। अनुपूरक सवालों के जवाब में उन्होंने बताया कि पिछले साल योजना का व्यापक-प्रसार नहीं हो पाया था। इस बार अखबारों में सूचना प्रकाशित कराई जा रही है। प्रदेश में हर एक किलोमीटर पर प्राथमिक तथा तीन किलोमीटर पर उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। जब हमारे स्कूलों में सीटें भर जाएंगी तभी निजी स्कूलों में दाखिले मिलेंगे। 

खन्ना ने परिषदीय स्कूलों में मानक पूरा न होने तथा भवनों के जर्जर होने का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को निजी स्कूलों में दाखिले के लिए लगाई गई शर्तों को हटाया जाए ताकि उन बच्चों को फायदा मिल सके जो प्रवेश चाहते हैं। मंत्री ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश के लिए ही शर्तें लगाई गई हैं। जहां तक स्कूल भवनों का सवाल है, सरकार ने ऐसे जर्जर भवनों की रिपोर्ट मांगी है जो गिरने की स्थिति में है। पहले किराए के भवनों में स्कूल चलते थे। किराया अब काफी बढ़ गया है। इन भवनों को खाली कराने या किराया बढ़वाने के लिए सदन में यह बात उठाई जाती है। खन्ना ने कहा कि वह न भवन खाली कराना चाहते हैं और न किराया बढ़वाना।शाहजहांपुर में 61 स्कूल हैं और सदन की कमेटी बनाकर जांच करा ली जाए कि मानक के अनुसार चल रहे हैं कि नहीं? मंत्री ने कहा कि इसकी जांच कराकर सदस्य को जानकारी दे देंगे और जो स्कूल मानक के अनुसार नहीं चल रहे हैं उनमें मानक पूरा कराया जाएगा। नीरज कुशवाहा के अनुपूरक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि सभी सदस्यों को अपने क्षेत्र में स्कूलों का नियमित निरीक्षण करना चाहिए ताकि शिक्षकों में डर बना रहे।


खबर साभार : अमर उजाला


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परिषदीय स्कूलों की सीटें भरने पर ही निजी में दाखिला : बीते साल 60 गरीब बच्चों को मिला लाभ Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:14 AM Rating: 5

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