शिक्षामित्रों के लिए दूसरे विकल्पों पर माथापच्ची शुरू, आउटसोर्सिंग से रखकर फिक्स वेतन पर विचार



लखनऊ। राज्य सरकार शिक्षामित्रों के लिए सहायक अध्यापक पद से हटकर दूसरे विकल्पों पर तेजी से विचार में जुट गई है। इसके तहत उन्हें आउटसोर्सिंग के जरिये फिक्स वेतन पर रखने की दिशा में भी मंथन चल रहा है। उच्चाधिकारियों का मानना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से राहत नहीं मिलती है तो इस दिशा में भी विचार हो सकता है। उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में शिक्षामित्रों के नेताओं से भी बातचीत की है। हालांकि आउटसोर्सिंग के मुद्दे पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री स्तर से ही लिया जाएगा।

 
राज्य सरकार ने स्नातक पास शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने का निर्णय किया था। इसके आधार पर प्रदेश में दो चरणों में पहले 58,826 और दूसरे चरण में 77,000 शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जा चुका है। हाईकोर्ट ने इसे अवैध ठहराते हुए इनका समायोजन रद्द कर दिया है। बता दें मौजूदा समय में सूबे के प्राइमरी स्कूलों में 1.70 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं।
  • न्याय विभाग से मांगी राय
लखनऊ। बीटीसी प्रशिक्षण पाकर सहायक अध्यापक बनने वाले शिक्षामित्रों को वेतन देने के संबंध में न्याय विभाग से राय मांगी गई है। इसके अलावा न्याय विभाग से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुज्ञा याचिका (एसएलपी) दाखिल करने के संबंध में भी राय मांगी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग न्याय विभाग से राय मिलने के बाद ही आगे कोई कदम उठाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा ने इस संबंध में सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक की।
 
यूपी में दूरस्थ शिक्षा से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण देकर दो चरणों में 1,35,826 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया। हाईकोर्ट ने टीईटी के बिना शिक्षामित्रों के समायोजन को अवैध ठहराते हुए रद्द कर दिया। हाईकोर्ट से शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द किए जाने के बाद शासन स्तर से इन्हें वेतन देने या न देने के संबंध में भले ही कोई आदेश जारी न किया गया हो, लेकिन प्रदेश के अधिकतर जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने इनका वेतन रोक दिया। शिक्षामित्रों ने इसकी जानकारी बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी को दी थी। कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि उन्हें पूर्व की तरह वेतन व अन्य सुविधाएं मिलती रहेंगी। इसके बाद भी वेतन रोक दिया गया है।
  • शिक्षामित्रों के लिए निकले बीच का रास्ता
राज्य सरकार चाहती है कि शिक्षामित्रों के लिए कोई बीच का रास्ता निकाल लिया जाए। इसके लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। कमेटी को जल्द ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को रिपोर्ट सौंपनी है। इसके आधार पर ही शिक्षामित्रों के बारे में निर्णय किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस पर विचार किया जा रहा है कि एनसीटीई से अनुमति लेकर शिक्षामित्रों को टीईटी पास करने की छूट दे दी जाए और जैसे-जैसे वह पास होते जाएं, उन्हें नए सिरे से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाता रहे।


खबर साभार : अमर उजाला

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
शिक्षामित्रों के लिए दूसरे विकल्पों पर माथापच्ची शुरू, आउटसोर्सिंग से रखकर फिक्स वेतन पर विचार Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:30 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.